रहस्यों से अंतरिक्ष भरा पड़ा है। वैज्ञानिकों ने कुछ रहस्यों से पर्दा उठा दिया है, जबकि अभी भी कुछ ऐसी चीजें हैं जो रहस्य हैं। दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष को समझने और उसके रहस्यों को जानने के लिए सालों से रिसर्च कर रहे हैं। अब इस बीच वैज्ञानिकों ने शनि के बर्फीले चंद्रमा इंसीलेडस के बारे में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उनका कहना है कि इंसीलेडस के ध्रुवीय क्षेत्र से अंतरिक्ष में पानी के बड़े-बड़े फव्वारे निकल रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया है कि इन फव्वारों के साथ अंतरिक्ष में जैविक कण भी फैल रहे हैं।
वैज्ञानिकों के इस खुलासे के बाद अब बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर ये फव्वारे कैसे छूट रहे हैं? क्या वहां पर एलियन मौजूद हैं? इस घटना से वैज्ञानिक भी हैरत में पड़ गए हैं। आइए इस हैरान करने वाली और रहस्यमयी घटना के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
शनि के चंद्रमा पर मौजूद हैं एलियन!
दरअसल, शनि के चंद्रमा पर इंसीलेडस के क्रस्ट में तरल बर्फीला समुद्र मौजूद है जो सूरज की गर्मी से भाप बनता है। शनि ग्रह के गुरुत्वाकर्षण की वजह से खींचकर भाप बाहर निकलता है। इसके बाद चांद की सतह से इस तरह के फव्वारे निकलते हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कैसिनी स्पेसक्राफ्ट ने साल 2008 से 2015 के बीच इस चांद की तस्वीरें ली थीं जिसके बाद वैज्ञानिक हैरत में पड़ गए।
नासा के कैसिनी स्पेसक्राफ्ट ने इंसीलेडस से पानी के फव्वारों को निकलते हुए देखा। इसके साथ ही कैसिनी में लगे मास स्पेक्ट्रोमीटर ने जो देखा वो हैरान करने वाला है। उसने इन फव्वारों के साथ उन जैविक कणों को निकलते देखा जो जीवन को पैदा करते हैं। इसके अलावा कार्बन डाईऑक्साइड, मॉलीक्यूलर
कैसिनी की जांच से जानकारी सामने आई है कि इंसीलेडस के समुद्र में ऐसे हाइड्रोथर्मल वेंट्स हैं जो रहने योग्य हैं। जैसी धरती के समुद्रों की गहराइयों और अंधेरे में कुछ गुफाएं देखने को मिलती हैं।
इतनी गहराइयों और अंधेरे में आमतौर पर ऐसे जीव रहते हैं जो मीथेन गैस के माध्यम से सर्वाइव करते हैं। धरती पर इनकी वजह से जीवन शुरू हुआ था। इसलिए वैज्ञानिकों ने संभावना जताई है कि शनि ग्रह के चांद इंसीलेडस पर भी मीथैनोजेन्स मौजूद हो सकते है और समुद्र में भी सूक्ष्म जीव जीवित हो सकते हैं।
हमारे सौर मंडल के बाहरी क्षेत्र में स्थित इंसीलेडस एक बर्फीला संसार है। इस चांद पर सतह के नीचे समुद्र है। बृहस्पति के चांद यूरोपा और नेपच्यून के चांद ट्राइटन पर भी ऐसी दुनिया होती है। दुनियाभर के वैज्ञानिक मानते हैं कि यहां की वायुमंडल और क्षेत्र जीवन के विकास के अनुरूप होंगे।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इंसानों को वहां जाना चाहिए और एलियन जीवन की खोज करनी चाहिए। वैज्ञानिकों ने कई बार जोर देकर कहा है कि सुदूर तारों और ग्रहों पर एलियन जीवन है और वो इंसानों से अधिक बुद्धिमान हो सकते हैं।