कृषि वैज्ञानिकों ने दी अनाज के भंडारण की पूरी जानकारी
अनाज के भंडारण की पूरी जानकारी
देश के ज्यादातर हिस्सों में गेहूं (Wheat) एवं रबी सीजन के अन्य अनाजों की कटाई का काम चल रहा है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने इसे रखने को लेकर कुछ सलाह दी है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि भंडारण करने से पहले भंडारघर की सफाई करें तथा अनाज को सुखा लें. दानों में नमी 12 प्रतिशत से ज्यादा नही होनीं चाहिए. भंडारघर को अच्छे से साफ कर लें. छत या दीवारों पर यदि दरारें है तो इन्हे भरकर ठीक कर लें. बोरियों को 5 प्रतिशत नीम तेल (Neem Oil) के घोल से उपचारित करें. बोरियों को धूप में सुखाकर रखें. जिससे कीटों के अंडे तथा लार्वा तथा अन्य बीमारियां आदि नष्ट हो जाएं. किसानों को सलाह है कि कटी हुई फसलों (Crops) तथा अनाजों को सुरक्षित स्थान पर रखे.
इस मौसम में तैयार गेहूं की फसल की कटाई की सलाह है. किसान कटी हुई फसलों को बांधकर रखें अन्यथा तेज हवा या आंधी से फसल एक खेत से दूसरे खेत में जा सकती है. गहाई के बाद भंडारण से पूर्व दानों को अच्छी तरह से सुखा दें. रबी फसल की कटाई के बाद खाली खेतों की गहरी जुताई कर जमीन को खुला छोड़ दें ताकि सूर्य की तेज धूप से गर्म होने के कारण इसमें छिपे कीड़ों के अंडे तथा घास के बीज नष्ट हो जाएंगे.
मूंग की बुवाई का सही समय
इस समय मूंग के उन्नत बीजों (पूसा विशाल, पूसा 672, पूसा 9351, पंजाब 668 ) की बुवाई करें. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है. बुवाई से पूर्व बीजों को फसल विशेष राईजोबीयम तथा फास्फोरस सोलूबलाईजिंग बैक्टीरिया से अवश्य उपचार करें.
वर्तमान तापमान फ्रेंच बीन, सब्जी लोबिया, चौलई, भिंण्डी, लौकी, खीरा, तुरई आदि तथा गर्मी के मौसम वाली मूली की सीधी बुवाई हेतु अनुकूल है क्योंकि, बीजों के अंकुरण के लिए यह तापमान उपयुक्त है. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है. उन्नत किस्म के बीजों को किसी प्रमाणित स्रोत से लेकर बुवाई करें.
लू (गर्म हवा) तथा तापमान बढ़ने की संभावना को ध्यान में रखते हुए किसान सब्जियों, सब्जियों की नर्सरी, जायद फसलों तथा फलों के बगीचों में हल्की सिंचाई नियमित अंतराल पर करें. नर्सरी व पेड़ों को लू से बचाने के लिए अवरोधकों के उपयोग की सलाह दी जाती है.
बुवाई के समय खेत में हो पर्याप्त नमी
कृषि वैज्ञानिकों ने कहा कि यदि रबी फसल कट चुकी है तो उसमें हरी खाद के लिए खेत में पलेवा करें. हरी खाद के लिए ढ़ैंचा, सनई अथवा लोबिया की बुवाई की जा सकती है. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है.
ग्वार, मक्का, बाजरा, लोबियाग्वार, मक्का, बाजरा, लोबिया आदि चारा फसलों की बुवाई इस सप्ताह कर सकते हैं. बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होनी आवश्यक है. बीजों को 3-4 सेंटीमीटर गहराई पर डालें और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 25-30 सेमी रखें.
मौसम साफ होने पर छिड़काव करें
इस मौसम में बेलवाली सब्जियों और पछेती मटर में चूर्णिल आसिता रोग के प्रकोप की संभावना रहती है. यदि रोग के लक्षण अधिक दिखाई दें तो कार्बंन्डिज्म@ 1 ग्राम/लीटर पानी दर से मौसम साफ होने पर छिड़काव करें. इस मौसम में भिंडी की फसल में माईट कीट की निरंतर निगरानी करते रहें. अधिक कीट पाये जाने पर इथेयान @1.5-2 मिली/लीटर पानी की दर से छिड़काव मौसम साफ होने पर करें.
प्याज की फसल को लेकर दी सलाह
वैज्ञानिकों ने कहा है कि प्याज की फसल में इस अवस्था में उर्वरक न दें अन्यथा फसल की वनस्पति भाग की अधिक वृद्धि होगी और प्याज की गांठ की कम वृद्धि होगी. बैंगन तथा टमाटर की फसल को प्ररोह एवं फल छेदक कीट से बचाव हेतु ग्रसित फलों तथा प्रोरहों को इकट्ठा कर नष्ट कर दें. साथ ही कीट की निगरानी हेतु फिरोमोन प्रपंश @ 2-3 प्रपंश प्रति एकड़ की दर से लगाएं. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो स्पिनोसेड कीटनाशी 48 ईसी @ 1 मिली/4 लीटर पानी की दर से छिड़काव मौसम साफ होने पर करें.