नई दिल्लीः जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के वैज्ञानिकों ने देश में एक नई स्तनधारी प्रजाति की खोज की है. इसका नाम व्हाइट चीक्ड मैकाक (बंदर से मिलती-जुलती प्रजाति) है. हालांकि, इस मैकाक को पहली बार 2015 में चीन में खोजा गया था. वहीं, इससे पहले भारत में इसके अस्तित्व का पता नहीं था. अब भारतीय वैज्ञानिकों ने मिडिल अरुणाचल प्रदेश के सुदूर अंजॉ जिले में इसकी खोज की है. अरुणाचल प्रदेश में जहां इस प्रजाति की खोज हुई है, वह चीन के उस इलाके दक्षिण-पूर्वी तिब्बत के मोडोग से बमुश्किल 200 किलोमीटर की हवाई दूरी पर है.
अचानक हुई खोज
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह खोज अचानक हुई. हम सफेद गाल वाले मैकाक की तलाश में नहीं थे. हम हिमालय की प्रजातियों पर अध्ययन कर रहे थे. इसमें हिमालय की जैव विविधता की खोज करना और क्षेत्र में बड़ी खतरे वाली प्रजातियों पर अध्ययन करना शामिल था.
DNA जांच से चला पता
उनका कहना कि वे पूर्वी हिमालय में लाल पांडा और अरुणाचल मैकाक पर नज़र रख रहे थे. उन्होंने मैकाक के मल और त्वचा के नमूने एकत्र किए और जब ZSI के लैब में DNA की जांच की गई, तो महसूस हुआ कि यह वास्तव में सफेद गाल वाला मैकाक है.
वैज्ञानिकों ने कहा कि टीम ने दूसरी बार DNA सीक्वेंसिंग की, केवल यह पुष्टि करने के लिए कि ZSI ने वास्तव में भारत में व्हाइट चीक्ड मैकाक की खोज की है. तब से, ZSI ने कई बार इसकी पुष्टि की है. जानवर के परीक्षण और कैमरा ट्रैपिंग के माध्यम से उन्होंने एक किशोर सफेद गाल वाला मैकाक भी खोजा, जिसे पकड़ लिया गया था और एक स्थानीय ग्रामीण के घर में रखा गया था. बता दें कि अंजॉ में रहने वाले आदिवासी पारंपरिक शिकारी हैं.
वैज्ञानिकों ने चीन और भारत की इन खोजों को सफलता करार दिया है. उन्होंने कहा कि आजकल नई स्तनपायी प्रजातियों की खोज करना बहुत दुर्लभ है. वैज्ञानिकों के रूप में हम छोटे जानवर, उभयचर और कीड़ों की नई प्रजातियों का वर्णन करते हैं. लेकिन बड़े जानवर बहुत दुर्लभ हैं.
भारत की स्तनधारी प्रजातियों की संख्या 437 से 438 तक है. व्हाइट चीक्ड मैकाक में सफेद गाल, गर्दन पर लंबे और घने बाल और अन्य मैकाक प्रजातियों की तुलना में लंबी पूंछ होती है. यह दक्षिण पूर्व एशिया में खोजा गया अंतिम स्तनधारी है. अरुणाचल मैकाक और व्हाइट चीक्ड मैकाक दोनों पूर्वी हिमालय में एक ही जैव विविधता वाले हॉटस्पॉट में रहते हैं.
वैज्ञानिकों को यकीन है कि आगे की खोज से पूर्वी अरुणाचल में सफेद गाल वाले मैकाक की अधिक आबादी होगी, जो कि चीनी सफेद गाल वाले मैकाक के करीब हैं. वहीं, भूटान में इन प्रजातियों के मौजूद होने की भी काफी संभावना है. यह खोज न केवल वन्यजीव सूची में शामिल होने वाली प्रजातियों की नींव रखेगी, बल्कि भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम द्वारा कवर की जा रही है.