मंगल से आया तोहफा, इस 320 ग्राम उल्कापिंड को वैज्ञानिकों ने दिया ब्लैक ब्यूटी नाम
मंगल से आया तोहफा
. अभी मंगल पर जीवन ना होने के कारण मिलते जा रहे हैं. लेकिन वैज्ञानिकों को कई संकेत ऐसे भी मिलते रहे हैं जो इस बात का इशारा करते हैं कि मंगल ग्रह भी कभी जीवन के अनुकूल ग्रह रहा होगा. यही वजह है कि मंगल को लेकर अधिकांश शोध इस बात पर केंद्रित हैं कि क्या कभी मंगल पर भी जीवन के अनुकूल परिस्थितियां थीं या नहीं. नए अध्ययन में इस तरह का पहला प्रमाण पाया गया है कि मंगल पर क्षुद्रग्रह (Asteroid) का एक बहुत बड़ा टकराव हुआ था जिसकी लाल ग्रह के विकास में भूमिका थी.
दुर्लभ खनिज का मिलना
शोधकर्ताओं ने उत्तरी अफ्रीका में मिले दुर्लभ उल्कापिंड का अध्ययन कर यह नतीजा निकाला कि उल्कापिंड में मिला जिरकॉन खनिज में ऐसे संकेत हैं जिससे पता चलता है कि मंगल पर विशाल उल्कापिंड के टकराव हुए होंगे जिससे भारी विनाश हुआ होगा. शोधकर्ताओं ने NWA 7034 नाम के उल्कापिंड में मिले जिरकॉन खनिज के दानों का विश्लेषण किया था.
मंगल की चट्टानों का टुकड़ा
इस 320 ग्राम उल्कापिंड को वैज्ञानिकों ने ब्लैक ब्यूटी नाम दिया है जो मंगल की सतह से आया नमूना है. यह उल्कापिंड मंगल ग्रह के उन चट्टानों के टुकड़ों और खनिजों का हिस्सा है, जो बेसाल्ट की हैं. ये चट्टानें मैग्मा के ठंडी होकर ठोस बनने में ज्यादा समय नहीं लगाती हैं. इससे मंगल के बारे में काफी जानकारी मिली है.
मंगल से आया तोहफा
अध्ययन के प्रमुख लेखक और कर्टिन स्पेस साइंस एंड टेकनोलॉजी के पीएचडी उम्मीदार मोर्गन कोक्स ने बताया, "यह दाना लाल ग्रह से आया वास्तव में एक तोहफा है. बहुत ही बड़े दबाव के झटके से आई विकृति ब्लैक ब्यूटी से पहले के पाए गए मंगल के किसी भी खनिज में देखने को नहीं मिली थी.
पुरातन मंगल का टकराव
कॉक्स ने बताया कि मंगल पर यह विनाशकारी टकारव के समय का 4.45 अरब साल पुराने मंगल ग्रह का जिरकॉन ऐसी प्रक्रियाओं का प्रमाण दे रहा है जिससे शुरुआती मंगल की सतह प्रभावित हुई थी. इस विनाश केसमय के उल्कापिंड में एक ट्विनिंग नाम की प्रकिया का होना पाया गया है जिसके जैसी प्रक्रियाएं पृथ्वी के बड़ टकराव वाले स्थानों पर देखने को मिली हैं.
पृथ्वी और चंद्रमा पर भी ऐसे टकराव
इस तरह के विनाशकारी टकराव में मैक्सिको के पास हुए विशाल टकराव भी शामिल है. इसके अलावा इस तरह के टकराव चंद्रमा पर भी पाए गए हैं. लेकिन अभी तक मंगल ग्रह पर इस तरह के टकराव होने के कोई संकेत नहीं मिले थे. ब्लैक ब्यूटी उल्कापिंड में जिरकॉन के दानों का मिलना शुरुआती मंगल पर विशाल टकराव का भौतिक प्रमाण है.
बदली पुरानी धारणा
शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे पहले के मंगल ग्रह के उल्कापिंड में जिरकॉन की मौजूदगी बताती है कि मंगल पर जीवन 4.2 अरब साल पहले मौजूद रहा होगा. लेकिन इसका आधार विनाशकारी टकराव की निश्चित अनुपस्थिति था. अभी मिले जिरकॉन के प्रमाण से पता चलता है कि पृथ्वी की तरह मंगल पर भी टकराव होते रहे थे.
इस अध्ययन से पता चलता है किमंगल ग्रह की आवासीयता के बारे में जिस समय का पहले जो अनुमान लगाया गया था वे ज्यादा पहले का था. इन प्रमाणों से पता चलता है कि अब आवासीयता समय मंगल पर तरल पानी की उपस्थिति के समय के साथ का रहा होगा यानि 3.9 से 3.7 अरब साल का समय होगा.