75 लाख साल पहले वाला 320 किलो का शिकारी कुत्ता खोजा गया, जानें बड़ी बातें

Update: 2022-06-20 05:35 GMT

फोटोः डेनी नवारा | न्यूज़ क्रेडिट: आजतक

नई दिल्ली: 75 लाख साल पहले यूरोपीय देशों में एक ऐसा मांसाहारी शिकारी कुत्ता घूमता था, जो भालू के आकार का होता था. इसका वजन करीब 320 किलोग्राम था. अब यह प्रजाति विलुप्त हो चुकी है. लेकिन इसका अवशेष मिलना पुरा-जीव विज्ञानियों के लिए खुशी की बात है. क्योंकि उन्हें इस प्रजाति के बार में ज्यादा अध्ययन करने का मौका मिलेगा. आधा कुत्ता और आधा भालू जैसे इस जीव के इतिहास के बारे में जानकारी मिलेगी.

बीयर डॉग (Bear Dog) नाम से आमतौर पर जाना जाने वाला यह जीव असल में द टारटारोसियोन (The Tartarocyon) के नाम से जाना जाता था. इसके अवशेषों की खोज वैज्ञानिकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने किया है. जिसके लीडर है स्विट्जरलैंड के बेसल स्थित नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के बास्टियन मेनेकार्ट.
इस प्राचीन शिकारी को नई प्रजाति का बीयर डॉग बताया जा रहा है. यह यूरोप में 3.6 करोड़ साल से 75 लाख साल तक था. उसके बाद इसकी प्रजाति खत्म हो गई. पुरा-जीव विज्ञानियों यानी पैलियोटोंलॉजिस्ट ने कहा कि इसके जबड़े की जांच से पता चला कि इसकी उम्र 1.28 करोड़ से 1.20 करोड़ साल के बीच थी. इसके जबड़े की हड्डियों में समुद्री खनिजों की परत चढ़ी हुई थी. परत हटाने पर पता चला कि इसके दांत बेहद नुकीले और धारदार थे. जबड़ा काफी ज्यादा मजबूत था. ये अपने से बड़े जानवरों का भी शिकार कर लेता था.
बीयर डॉग द टारटारोसियोन सामान्य एंफीसियोनिडे (Amphicyonidae) का उदाहरण नहीं है. इसके जबड़े में मौजूद चौथा लोअर प्रीमोलर दांत बाकी एंफीसियोनिडे जीवों से अलग है. इस दांत की जांच से किसी भी जीव की प्रजाति और जेनेरा समझने में आसानी होती है. इसका नाम बास्क माइथोलॉजी (Basque Mythology) में बताए गए एक आंख वाले विशालकाय जीव टारटारो (Tartaro) के नाम पर रखा गया है.
टारटारो के ज्यादातर अवशेष बीयर्न (Bearn) में मिले हैं. नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के जॉन-फ्रांस्वा लेस्पोर्ट और एंटनी हीट्ज दुनिया के प्रसिद्ध पुरा-जीव विज्ञानियों ने मिलकर इस नए जीनस का नाम फ्लोरियल सोल (Floreal Sole) रखा है. बीयर डॉग उन मांसाहारी जीवों से समानता रखते हैं जो उस समय आकार में बड़े होते थे. जैसे- कुत्ते, बिल्ली, सील और बैजर्स.
ये शिकारी बीयर डॉग 2.30 करोड़ साल से लेकर 53 लाख साल तक घूमते रहे. इसकी प्रजाति में काफी ज्यादा विभिन्नताएं थीं. इनका वजन 9 किलोग्राम से लेकर 320 किलोग्राम तक जाता था. टारटारोसियोन का वजन आमतौर पर 200 किलोग्राम होता था. मायोसीन (Miocence) के समय यूरोप का आखिरी एंफीसियोनिडे खत्म हो गया था. 
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