2022 के अंतरिक्ष मिशन, जानकर दुनिया कहेगी वाह!

Update: 2021-12-29 05:57 GMT

नई दिल्ली: पर्यटन उड़ानों से लेकर निजी अंतरिक्ष मिशनों तक और सबसे शक्तिशाली टेलीस्कोप लॉन्च करने से लेकर सूरज की कक्षा में प्रवेश करने तक, साल 2021 को उन वर्षों में से एक के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नए युग की शुरुआत की है। आने वाले दशक में चंद्रमा पर फिर से उतरने और मंगल की और खोज करने की तरफ साल 2022 का रोमांच होगा। आईये जानते हैं, 2022 के उन मिशनों के बारे में, जो ना सिर्फ इंसानों के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होने वाले हैं, बल्कि ब्रह्मांड की खोज में ये मिशन मील का पत्थर साबित होने वाली हैं।

स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में पर्यटकों को सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद, साल2022 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा निजी अंतरिक्ष यात्रियों के पहले बैच को अंतरिक्ष में सैर परभेजेगा। स्पेसफ्लाइट, जिसे एक्सिओम मिशन 1 (एक्स -1) नाम दिया गया है, वो फ्लोरिडा में नासा केजॉन कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा और इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा करेगा। एक बार डॉकहो जाने के बाद Axiom अंतरिक्ष यात्रियों को परिक्रमा प्रयोगशाला (ऑर्बिटिंग लैब) में आठ दिनों तकरखा जाएगा, जो अत्यंत रोमांचकारी होगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी पहले ही Axiom अंतरिक्ष केसाथ दूसरे मिशन पर हस्ताक्षर कर चुकी है, जो 2022 के अंत तक या 2023 की शुरुआत में हो सकताहै।
एलियन जिंदगी खोजने के लिए एक्सोमार्स लैंडर
यूरोप और रूस के बीच सहयोग के तहत एक्सोमार्स मिशन 2022 की शुरूआत की जाएगी, जिसकालक्ष्य मंगल ग्रह के बारे में इंसानी समझ को और ज्यादा विकसित करना है और मंगल ग्रह पर अलगअलग जगहों पर जीवन की कितनी संभावना हो सकती है, इसके बारे में जानकारी जुटाना है। इसमिशन का प्राथमिक लक्ष्य यह निर्धारित करना है कि क्या मंगल पर कभी जीवन रहा है और ग्रह परपानी का इतिहास क्या रहा है। क्या मंगल ग्रह पर बर्फीले पहाड़ या नदी या झील पहले मौजूद थे,इसको लेकर जानकारी जुटाना है। एक्सोमार्स रोवर, जिसका नाम रोजलिंड फ्रैंकलिन है, वो मंगल कीउप-सतह तक पहुंचने के लिए एक ड्रिल के साथ-साथ अल्ट्रा-क्लीन जोन में रखी गई एक लघुजीवन-खोज प्रयोगशाला भी शामिल है। प्रक्षेपण अगस्त और अक्टूबर 2022 के बीच आयोजित किएजाने की संभावना है।
साल 2021 के आखिरी महीने में नासा ने अंतरिक्ष से धरती की तरफ बढ़ने वाले ऐस्टरॉइड पर हमलाकरने वाले डार्ट मिशन की शुरूआत की थी, इसके लिए नासा ने एक सैटेलाइट को अंतरिक्ष में लॉंचकिया है और नासा के इस मिशन का नाम डार्ट मिशन है। और इस मिशन के तहत साल 2022 मेंसैटेलाइट की ऐस्टरॉइड से टक्कर होने वाली है। इस मिशन के जरिए नासा असल में ये देखना चाहताहै, कि क्या पृथ्वी की तरफ बढ़ने वाले ऐस्टरॉइड को अगर किसी रॉकेट या सैटेलाइट से टक्करकरवाई जाएगी, तो क्या ऐस्टरॉइड अपना दिशा परिवर्तन करेगा? इस मिशन के तहत नासा कासैटेलाइट 24 हजार प्रति किलोमीटर की रफ्तार से ऐस्टरॉइड से टकराएगा और जांच करेगा, कि क्याऐस्टरॉइड की दिशा में कोई परिवर्तन हो रहा या नहीं। नासा का ये मिशन भविष्य में धरती परऐस्टरॉइड के हमले से पृथ्वी और मानवजाति को बचाना है।
नासा लॉन्च करेगा 'साइक मिशन'
इसके साथ ही इस साल नासा मंगल और बृहस्पति के बीच मौजूद एक 140 किलोमीटर लंबेऐस्‍टरॉइड पर भी एक सैटेलाइट भेजेगा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इस ऐस्‍टरॉइड का पतालगाया है, जो अपने आप में कुबेर का भंडार है। वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि इस ऐस्‍टरॉइड परइतनी ज्यादा दौलत है, कि दुनिया का हर शख्स अरबों की दौलत का मालिक बन सकता है। नासा काअनुमान है कि इस इस ऐस्‍टरॉइड पर 10,000,000,000,000,000,000 डॉलर काभंडार है। इस ऐस्‍टरॉइड का नाम साइकी ऐस्‍टरॉइड है, जिसके बारे में काफी दिलचस्प बातें वैज्ञानिकोंको पता चली हैं। लिहाजा, वैज्ञानिकों की कोशिश है कि, क्या इस ऐस्‍टरॉइड को किसी भी तरह सेधरती पर लाया जा सकता है और इसीलिए नासा इस साल ये मिशन भी लॉांच करेगा।
चंद्रमा की खोज के लिए रूस का मिशन
रूस का चंद्र लैंडर मिशन लूना-25 अगले साल 2022 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र के रास्ते मेंउड़ान भरेगा। मिशन चंद्र ध्रुवीय एक्सोस्फीयर के ध्रुवीय रेजोलिथ, प्लाज्मा और धूल घटकों की संरचनाका अध्ययन करेगा। रूस का ये मिशन जुलाई 2022 में लॉन्च होने वाला है, यह सोयुज-2 फ्रीगेट परपृथ्वी की कक्षा में एक सवारी को रोक देगा। रूसी स्पेस एजेंसी TASS के अनुसार, लूना-26 मिशनको 2024 में, लूना-27 को 2025 में और लूना-28 को 2027-2028 में लॉन्च किया जाएगा।
अंतरिक्ष में आंख खोलेगा जेम्स वेब टेलीस्कोप
25 सालों की देरी के बाद आखिरकार अगले साल नासा का टाइम मशीन और अंतरिक्ष में नासा काआँख बनने वाले जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप भी अगले साल अपनी आंखे खोलेगा। नासा का येटेलिस्कोप ब्रह्मांड और आकाशगंगा की उत्पत्ति कैसे हुई थी, इसका पता लगाने के साथ साथ करोड़ोंकिलोमीटर दूर मौजूद ग्रहों पर जीवन की क्या संभावनाएं हैं और वहां क्या हो रहा है, इसकी जानकारीनासा को देगा। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थापितकरने के लिए इसी महीने मिशन लॉंच किया गया है और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप सितारों के जन्मऔर मृत्यु को लेकर जानकारियां देगा।
चीन का मिशन चांद और मंगल
चीन ने अपने अंतरिक्ष मिशन में अरबों डॉलर का निवेश किया है और साल 2021 में चीन के इसनिवेश का असर दिखा है, जब चीन ने 2021 में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस साल चीन मंगलग्रह पर अपना रोवर कामयाबी के साथ उतार चुका है, तो चीन काफी तेजी के साथ अपना स्पेस स्टेशनभी बना रहा है और इस साल चीन का स्पेस स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं, साल 2022 के लिएभी चीन के पास कई बड़ी योजनाएं हैं, जिसमें चीन का सबसे बड़ा मिशन है, मंगल ग्रह पर इंसानों कोभेजना। इसके अलावा भी मंगल ग्रह के लिए चीन के पास कई और मिशन हैं और शुक्र और बृहस्पतिकी कक्षा में भी सैटेलाइट को भेजना चीन के मिशन में शामिल हैं। इसके साथ ही चीन पना खुद काशक्तिशाली टेलिस्कोप अंतरिक्ष में लॉन्च करने की योजना पर काफी तेजी से काम कर रहा है।

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