आपको अपने नए घर में भी करनी होगी होम एंट्री, जानिए इसके नियम
जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है स्वयं के लिए घर बना लेना. उस घर में जाने से पहले हर हिंदू धर्म को मानने वाला व्यक्ति पूजा-पाठ जरूर करता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है स्वयं के लिए घर बना लेना. उस घर में जाने से पहले हर हिंदू धर्म को मानने वाला व्यक्ति पूजा-पाठ जरूर करता है. किसी भी व्यक्ति का अपने नए घर में प्रवेश करना बहुत मायने रखता है. सनातन धर्म में किसी नए घर में प्रवेश करने के लिए पूजा की जाती है, जिसे गृह प्रवेश (Griha Pravesh) कहते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि घर से सभी बुरी शक्तियों का खात्मा हो जाए. गृह प्रवेश को लेकर शास्त्रों में कई नियमों का उल्लेख मिलता है, जिनका पालन करके आप लाभान्वित हो सकते हैं. क्या हैं वे नियम? आइए जानते हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषाचार्य विनोद सोनी पौद्दार से.
तीन तरह के गृह प्रवेश
1. पहला गृह प्रवेश
अपूर्व गृह प्रवेश- यह घर में व्यक्ति का पहला आगमन होता है.
2. दूसरा गृह प्रवेश
सपूर्व गृह प्रवेश- इस गृह प्रवेश में व्यक्ति पुराने खरीदे गए घर में दोबारा प्रवेश करता है.
3. तीसरा गृह प्रवेश
द्वंद्व गृह प्रवेश- इसमें ऐसे घर का गृह प्रवेश करवाया जाता है, जिसे फिर से बनाया गया हो.
किस तरह करें गृह प्रवेश?
1. गृह प्रवेश करते समय भगवान गणेश की स्थापना और वास्तु पूजा जरूर करवाएं.
2. घर में पहला प्रवेश करते समय अपना दाहिना पैर आगे करें. गृह प्रवेश की पूजा के बाद उस रात परिवार के सदस्यों को उसी घर में सोना चाहिए.
3. वास्तु पूजा के बाद घर के मालिक को पूरी बिल्डिंग का एक चक्कर काटना चाहिए.
4. महिला को पानी से भरे कलश को लेकर पूरे घर में घूमना चाहिए और जगह-जगह पर फूल गिराने चाहिए.
5. गृह प्रवेश वाले दिन एक कलश में पानी या दूध भरकर रखें और अगले दिन उसे मंदिर में चढ़ा दें.
6. गृह प्रवेश वाले दिन घर में दूध उबालना शुभ होता है.
7. गृह प्रवेश के 40 दिन तक घर खाली नहीं छोड़ना चाहिए. चाहे एक ही सदस्य रहे, लेकिन उस घर में किसी न किसी का होना बहुत जरूरी होता है.