ज्योतिष न्यूज़ : महिलाओं को पीरियड्स आना एक आम बात है लेकिन इसे लेकर कई सारे नियम भी बताए गए है जिनका पालन महिलाओं को इस दौरान करना ही होता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पूजा पाठ करने की मनाही होती है जिसके कई सारे कारण भी है।
आपको बता दें कि पीरियड्स के दौरान रसोई में जाना, अचार छूना, पूजा पाठ करना या फिर मंदिर जाना भी मना होता है। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तरह के नियमों का पालन करना होता है, तो आज हम अपने इस लेख में इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं और हम आपको बताएंगे कि अगर व्रत के दौरान पीरियड्स होता है तो क्या करना चाहिए।
जानिए पीरियड्स से जुड़ा धार्मिक कारण—
आपको बता दें कि सनातन धर्म में पीरियड्स को अपवित्र बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से अशुद्ध होती है। इस दौरान महिलाओं का देवी देवताओं से संपर्क नकारात्मक शक्ति का प्रवाह कर सकता है। यह भी कहा जाता है कि अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान तुलसी पर जल अर्पित करती है तो तुलसी का पौधा सूख जाता है।
पीरियड्स के कितने दिन बाद पूजा पाठ सही—
पीरियड्स के पांचवें दिन बाद महिलाएं बालों को धोकर व शुद्ध होकर देवी देवताओं की पूजा आराधना कर सकती है मासिक धर्म के समाप्त होने के बाद शुद्ध होकर ही पूजा पाठ करना उचित माना गया है वही कुछ महिलाओं को पीरियड्स सात दिनों तक आता है ऐसे में वह इसके बाद ही पूजा पाठ करें तो बेहतर होगा।
व्रत पूजन के दौरान आए पीरियड्स तो क्या करना उचित—
पीरियड्स एक आम बात है ऐसे में अगर व्रत के दौरान किसी महिला को पहले या दूसरे पीरियड्स होते हैं तो ऐसे में महिलाओं द्वारा व्रत तोड़ना ही उचित होगा। क्योंकि इस दौरान वे पूजा पाठ कर नहीं सकती है ऐसे में पहले दूसरे पीरियड्स में व्रत रखने की बजाए आप इसे तोड़ दे तो ही उचित होगा।