Sawan में आप भी शिव पूजा करके पा सकते हैं 12 बड़े लाभ
श्रावण मास में शिव भक्त अपने अराध्य देव यानि महादेव के अलग–अलग स्वरूपों की पूजा अलग–अलग कामनाओं के लिए करते हैं
श्रावण मास में शिव भक्त अपने अराध्य देव यानि महादेव के अलग–अलग स्वरूपों की पूजा अलग–अलग कामनाओं के लिए करते हैं. भगवान शिव भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उनके रोग–शोक दूर करते हुए उन पर अपनी कृपा बरसाते हैं. भगवान शिव को औढरदानी कहा गया है, यही कारण है कि वे अपने भक्तों पर अपनी कृपा खूब लुटाते हैं. आइए इस श्रावण मास में भगवान शिव की साधना करने से पहले जानते हैं उनकी पूजा से मिलने वाले 12 बड़े लाभ, जिनसे हमारे जीवन में हमेशा सुख–समृद्धि और खुशियां बनी रहती हैं.
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भगवान शिव की साधना करने से साधक को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है. भगवान भोलेनाथ की कृपा से सारे मनोरथ पूरे होते हैं.
भगवान शिव को वैद्यनाथ कहा गया है, जिनकी पूजा से जीवन से जुड़ा कैसा भी कष्ट, शोक या रोग हो उससे मुक्ति मिलती है.
भगवान शिव शक्ति के पुंज हैं. देवों के देव महादेव की पूजा से साधक के शरीर में अद्भुत उर्जा का संचार होता है. उसे असीम बल एवं साहस की अनुभूति होती है.
भगवान शिव को मृत्युंजय कहा गया है. उनकी पूजा में महामृत्युंजय का जाप करने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है.
भगवान शिव गृहस्थ जीवन के आदर्श हैं. एक आम आदमी की तरह उनका भी एक भरा पूरा परिवार है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ की साधना से गृहस्थ जीवन सुखी बना रहता है.
भगवान शिव कुबेर के अधिपति हैं, ऐसे में यदि आप आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं तो उस विपत्ति से निकलने के लिए शिव की साधना अत्यंत ही लाभदायक है.
भगवान शिव सौभाग्य के देवता हैं, जिनसे जुड़ा व्रत, पूजन आदि करने पर कन्याओं को मन मुताबिक सुयोग्य वर मिलता है.
भगवान शिव की साधना से संतान सुख की प्राप्ति होती है. यदि आप पुत्र की कामना से भगवान शिव की पूजा करते हैं तो आपको शिव की कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी, क्योंकि भगवान शिव पुत्र प्रदान करने वाले देवता हैं.
जीवन से जुड़ी किसी भी बाधा या शत्रुओं का नाश करने के लिए शिव की साधना अत्यंत फलदायी है. शिव की भक्ति से शत्रुओं का नाश होता है. विरोधियों पर विजय मिलती है.
शिव की पूजा से पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है. यदि आपकी भी ऐसी ही कामना है तो आप इस सावन शिव का पूजन विधि–विधान से करें.
शिव अपने भक्तों पर सौभाग्य की वर्षा करते हैं. भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उसका भाग्य बदल देते हैं.
शिव संपूर्ण स्वरूप हैं, जिनकी श्रावण मास में साधना–आराधना अत्यंत फलदायी है. सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का गंगाजल आदि से अभिषेक करने पर बड़ी से बड़ी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)