नरक चतुर्दशी पर होती है यमराज की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

नरक चतुर्दशी का पर्व धनतेरस से अगले दिन मनाया जाता है. पांच दिवसीय पर्व दिवाली के दिनों में एख दिन नरक चतुर्दशी की पूजा का विधान है. इस दिन यमराज की उपासना की जाती है. इसे रूप चतुर्दशी या फिर नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है. यमराज के अलावा इस दिन श्री कृष्ण की पूजा और काली मां की पूजा भी की जाती है

Update: 2022-08-06 02:52 GMT

नरक चतुर्दशी का पर्व धनतेरस से अगले दिन मनाया जाता है. पांच दिवसीय पर्व दिवाली के दिनों में एख दिन नरक चतुर्दशी की पूजा का विधान है. इस दिन यमराज की उपासना की जाती है. इसे रूप चतुर्दशी या फिर नरक चौदस के नाम से भी जाना जाता है. यमराज के अलावा इस दिन श्री कृष्ण की पूजा और काली मां की पूजा भी की जाती है. इस बार नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर के दिन मनाई जाएगी. इस दिन पूजा करने से घर में शुद्धता और संपन्नता आती है.

पंचाग के अनुसार हर साल नरक चतुर्दशी का पर्व हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. ग्रंथों में इस दिन श्री कृष्ण की पूजा का भी विधान है. इससे जुड़ी एक कथा के अनुसार नरकासुर नामक राक्षस का वध श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से किया था. मान्यता है कि जिस दिन नरकासुर का वध किया था, उस दिन नरक चतुर्दशी थी. इसलिए इस दिन श्री कृष्ण की पूजा का भी विधान है.

नरक चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त 2022

हर साल नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है. इस बार कार्तिक चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर, 2022 को शाम 6 बजकर 03 मिनट से होकर 24 अक्टूबर 2022 शाम 5 बजकर 27 मिनट तक है. अतः नरक चतुर्दशी 23 अक्टूबर, रविवार के दिन मनाई जाएगी.

इस दिन काली चौदस का मुहूर्त 23 अक्टूबर रात 11 बजकर 40 मिनट से 24 अक्टूबर 12 बजकर 31 मिनट तकत है. इस दिन पूजा की अवधि कुल 51 मिनट है.

नरक चतुर्दशी पूजा विधि

इस दिन सुबह सन्ना आदि के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें. इसके बाद घर के ईशान कोण में पूजा करें. पूजा से पहले पंचदेवों की स्थापना करें. इसमें सूर्यदेव, गणेश जी, दुर्गा, शिव और विष्णु भगवान शामिल हैं. पूजा में सभी के सामने धूप जलाएं. मस्तक पर हल्दी या चंदन का तिलक लगाएं. नरक चतुर्दशी के दिन षोडशोपचार की सामग्री से पूजा करनी चाहिए. मंत्रों का जाप करते रहें.प्रसाद या नैवेद्य (भोग) लगाएं. इसके बाद घर के मुख्य द्वार या आंगन में प्रदोष काल में दीपक जलाएं. इस दिन यम के नाम का भी एक दीपक जलाया जाता है. इस दिन घर के हर कोने में दीपक जलाएं.

=

Tags:    

Similar News

-->