हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व होता है लेकन विकट संकष्टी चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि श्री गणेश की साधना आराधना को समर्पित होती है चतुर्थी व्रत हर माह के दोनों पक्षों में किया जाता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से गणपति का आशीर्वाद मिलता है और सारे कष्ट दूर हो जाते हैं
अभी वैशाख मास चल रहा है और इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। जो कि 27 अप्रैल दिन शनिवार को है इस दिन भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा अर्चना करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है और दुखों का निवारण हो जाता है तो आज हम आपको भगवान श्री गणेश की पूजा विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि—
आपको बता दें कि विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर पूजा स्थल की साफ सफाई करें अब शुभ मुहूर्त में भगवान श्री गणेश की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं और सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित पुष्प, जनेउ, सुपारी, पान, मौसमी फल भगवान को अर्पित करें
पूजा के समय भगवान श्री गणेश की प्रतिमा न होने पर एक साबुत सुपारी को ही गणेश जी मानकर आप पूजा कर सकते हैं फिर भगवान को दूर्वा अर्पित करके मोदक का भोग लगाएं और धूप दीपक से उनकी आरती करें माना जाता है कि इस विधि से गणपति की आराधना करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है।