विकट संकष्टी चतुर्थी पर इस विधि से करें पूजन

Update: 2024-04-24 14:32 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को खास माना गया है जो कि हर माह में पड़ती है आज से वैशाख माह का आरंभ हो चुका है और इस माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत पूजन किया जाता है यह तिथि भगवान श्री गणेश को समर्पित होती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से प्रभु की कृपा बरसती है और घर परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है। इस बार विकट संकष्टी चतुर्थी का व्रत 27 अप्रैल को कया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भगवान श्री गणेश की पूजा विधि के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 विकट संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि—
आपको बता दें कि विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर व्रत का संकल्प करें। अब भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित करें और इसके बाद घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह साफ सफाई करके गंगाजल का छिड़काव करें। मंदिर में एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें अब भगवान को दूर्वा, मोदक अर्पित करें घी का दीपक जलाकर भगवान की आरती करें और श्री गणेश चालीसा का पाठ करें।
 पूजा के दौरान गणपति के मंत्रों का जाप करना फलदायी माना जाता है भगवान को भोग में मोदक, फल और मिठाई अर्पित करें पूजा पूर्ण होने के बाद भूलचूक के लिए भगवान से क्षमा मांगे और सभी में प्रसाद का वितरण करें साथ ही खुद भी प्रसाद ग्रहण करें। इस दिन अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों व जरूरतमंदों को दान जरूर दें।
 गणेश गायत्री मंत्र—
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
शुभ लाभ गणेश मंत्र—
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
सिद्धि प्राप्ति हेतु गणेश मंत्र—
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
Tags:    

Similar News

-->