जन्माष्टमी के बाद आ रही राधा अष्टमी पर इस विधि से करें पूजा

Update: 2023-09-07 12:40 GMT
हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है इस साल जहां जन्माष्टमी का त्योहार 6 और 7 सितंबर को देशभर में मनाया गया वही अब लोगों को राधा अष्टमी का इंतजार हैं। यह पर्व भगवान कृष्ण की प्रिय राधा के जन्म का उत्सव का दिन होता हैं इस दिन देशवासी राधा रानी के जन्म की खुशी मानते हैं और प्रभु श्रीकृष्ण के संग देवी राधा की पूजा करते हैं मान्यता है कि राधा अष्टमी पर राधा कृष्ण की एक साथ पूजा करने से साधक को उनकी कृपा प्राप्त होती हैं।
 धार्मिक पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर राधा अष्टमी मनाई जाती हैं इस दिन उपवास रखकर लोग राधा जी की पूजा करते हैं ऐसा करने से आय और आयु में वृद्धि होती हैं साथ ही भाग्य का साथ भी प्राप्त होता हैं तो आज हम आपको राधा अष्टमी से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
 राधा अष्टमी की तिथि और मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी 22 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से आरंभ हो रही है और 23 सितंबर को 12 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। वही उदया तिथि के अनुसार 23 सितंबर दिन शनिवार को राधा अष्टमी का व्रत किया जाएगा।
 राधा अष्टमी की पूजा विधि—
राधा अष्टमी के दिन व्रत रखने वाले लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद हाथ में जल लेकर आचमन करते हुए राधा रानी का स्मरण करें। आचमन करते वक्त 'ओम केशवाय नमः' मंत्र का जाप करें। इसके बाद सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और घर के मंदिर में राधा कृष्ण की प्रतिमा को स्थापित कर उनका ध्यान कर विधि विधान से पूजा करें अंत में श्री राधा चालीसा का पाठ करें और शाम को भोग लगाकर आरती करें इसके बाद प्रसाद खुद ग्रहण करें।
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