लक्ष्मी पंचमी के दिन इस तरह करें पूजा...आपके घर में बरसेगी मां लक्ष्मी की विशेष कृपा

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लक्ष्मी पंचमी मनाई जाती है.

Update: 2021-04-17 03:08 GMT

हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लक्ष्मी पंचमी मनाई जाती है. इस दिन भक्त माता लक्ष्मी की उपासना करते हैं. लक्ष्मी पंचमी को श्री पंचमी और श्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है. आज नवरात्रि के पांचवे दिन लक्ष्मी पंचमी पड़ रही है, इसलिए आज का दिन अधिक बेहद महत्वपूर्ण है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. आइए जानते हैं मां लक्ष्मी की पूजा के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.

पूजा का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पंचमी का प्रारंभ- 16 अप्रैल 2021 से शाम 6 बजकर 5 मिनट से लेकर 17 अप्रैल 2021 को शाम 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा.
लक्ष्मी पंचमी की पूजा विधि
1. इस दिन सुबह- सुबह उठकर स्नान कर और व्रत करने का संकल्प लें.
2. इसके बाद माता लक्ष्मी को पंचामृत स्नान कराएं और चंदन, ताल, फूल, माला, दूर्वा, नारियल आदिन चीजें अर्पित करें.
3. माता लक्ष्मी को कमल का फूल बहुत पसंद है. उन्हें कमल का फूल अर्पित करें.
4. इसके बाद घर में श्री सूतक का पाठ करना चाहिए. प्रसाद में खीर का भोग लगाएं.
5. इसेक बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार दान – दक्षिणा देना चाहिए.
लक्ष्मी पंचमी का महत्व
मान्यता है कि शुक्ल पंचमी को कल्पादि तिथि कहा जाता है. आज के दिन से कल्प की शुरुआत होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार सालभर में साच कल्फ तिथि आती है. लक्ष्मी पंचमी के दिन पूजा- पाठ करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है. इसके अलावा इस दिन मां लक्ष्मी की आरती, चलीसा और मंत्रों का उचारण करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और आपकी मनोकामनाओं को पूरा करती हैं.
पौराणिक कथा
कहा जाता है कि एक बार माता लक्ष्मी देवताओं से रूठ गई थीं. इसके बाद सभी देवता विहीन हो गए. भगवान इंद्र ने देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया था. इसके अलावा बाकी देवताओं ने भी मां लक्ष्मी की उपासना और व्रत किया था. इसके बाद माता लक्ष्मी वापस आईं थीं, इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. इसलिए इस दिन को लक्ष्मी पंचमी के रूप में मनाया जाता है.


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