अगहन महीने में इन देवी-देवताओं की करें पूजा और गीता श्लोक का पाठ

इस महीने का वर्णन स्वंय भगवान श्रीकृष्ण जी ने गीता में किया है।

Update: 2021-11-24 04:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  अगहन का महीना बेहद खास होता है। इस महीने का वर्णन स्वंय भगवान श्रीकृष्ण जी ने गीता में किया है। गीता उपदेश में उन्होंने अर्जुन को कहा है-हे अर्जुन! मैं महीनों में मार्गशीर्ष हूं। गीता श्लोक कुछ इस प्रकार है-

बृहत्साम तथा साम्नां गायत्री छन्दसामहम् ।
मासानां मार्गशीर्षोऽहमृतूनां कुसुमाकर: ।।
यह श्लोक गीता के दसवें अध्याय में अंकित है। इस भावार्थ यह है- गाने वाले गायकों में मैं बृहत्साम हूं, तो छंदों में गायत्री छंद हूं। वहीं, महीनों में अगहन, तो ऋतुओं में वसंत हूं। अतः मागर्शीर्ष महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा उपासना करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि सच्ची श्रद्धा और निष्ठापूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से जीवन की समस्त बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कई बार दोहराया है कि उनकी शरण में रहने वाले भक्तों को जीवन में कभी कोई तकलीफ नहीं होती है और मृत्यु उपरांत भगवद्धाम की प्राप्ति होती है। अतः मार्गशीर्ष महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-प्रार्थना अवश्य करें। इसके अलावा, कई पर्व-त्योहार मार्गशीर्ष महीने में मनाए जाते हैं। अतः आप भगवान श्रीकृष्ण समेत अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा कर सकते है
तुलसी की पूजा करें
कार्तिक महीने में देवउठान एकादशी मनाई जाती है। इस दिन तुलसी विवाह भी संपन्न होता है। इसके बाद विवाह मुहूर्त का शंखनाद होता है। भगवान श्रीकृष्ण को तुलसी अति प्रिय है। अतः मार्गशीर्ष महीने में तुलसी जी की पूजा अवश्य करें।
माता सीता और राम जी की पूजा करें
अगहन महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को मर्यादा पुरषोत्तम राम और माता सीता का स्वंयवर और विवाह संपन्न हुआ। इसके लिए अगहन महीने में माता सीता और भगवान श्रीराम की पूजा अवश्य करें।
गीता जयंती
मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता उपदेश दिया था। इस दिन मोक्षदा एकादशी भी मनाई जाती है। अतः मार्गशीर्ष महीने में रोजाना भगवान श्रीकृष्ण की पूजा पाठ जरूर करें।


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