हर रविवार करे सूर्य देव की आरती

Update: 2023-04-23 17:27 GMT
हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है। वही रविवार का दिन भगवान श्री सूर्य नारायण की पूजा को समर्पित किया गया है। इस दिन भक्त भगवान भास्कर की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि किसी भी देवी देवता की पूजा और व्रत बिना उनकी आरती पढ़ें पूर्ण नहीं होता है।
Recite shri suryadev aatri on Sunday
ऐसे में अगर आप आज के दिन भगवान सूर्यदेव की व्रत पूजा कर रहे हैं तो उनकी प्रिय आरती का पाठ जरूर करें मान्यता है कि आज के दिन सूर्य आरती पढ़ने से भगवान अति​शीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान सूर्यदेव की आरती।
श्री सूर्य देव आरती—
ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
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सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।
विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
कमल समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।
सेवत सहज हरत अति, मनसिज संतापा॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
नेत्र व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा हारी।
वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥
॥ ऊँ जय कश्यप...॥
सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान मोह सब, तत्वज्ञान दीजै॥
ऊँ जय कश्यप नन्दन, प्रभु जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥
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