बुधवार के दिन श्री गणेश का ऐसे करें पूजन, मिलेंगे ये लाभ

भगवान भोले और पार्वती जी के स्नेही पुत्र एवं सभी देवताओं में प्रथम आराध्य भगवान गणपति की पूजा के लिए बुधवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है.

Update: 2021-09-01 08:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भगवान भोले और पार्वती जी के स्नेही पुत्र एवं सभी देवताओं में प्रथम आराध्य भगवान गणपति की पूजा के लिए बुधवार का दिन सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. वे रिद्धि-सिद्धि के दाता हैं और उनकी आराधना से हर कार्य बिना विघ्न के पूर्ण हो जाता है. मान्यता है कि बुधवार के दिन श्री गणेश जी की विधि-विधान से पूजा अर्चना करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा करने की परंपरा भी चली आ रही है.

गणपति जी खुशी के देवता भी कहे जाते हैं. उनका प्रिय भोग मोदक है. हाथी के मस्तक वाले भगवान गणेश जी का वाहन चूहा है. उनकी दो पत्नियां रिद्धि एवं सिद्धि हैं. ये भी मान्यता है कि श्री गणेश का सच्चे मन से स्मरण करने मात्र से ही जीवन से जुड़ी सभी बाधाओं का नाश होने लगता है. गणपति जी की उपासना मात्र से ही उनके प्रसन्न होने पर रिद्धि-सिद्धि, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होने लगती है.

दूर्वा, मोदक से करें पूजा

भगवान गणेश को प्रसन्न करना है तो उनका पसंदीदा भोग लगाना भी अनिवार्य है. उनकी पूजा के दौरान गजानन की प्रिय चीज 'दूर्वा' और 'मोदक' को जरूर चढ़ाना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार गणपति जी को दूर्वा चढ़ाने से व्यक्ति धनवान हो जाता है. उसके पास किसी चीज की कमी नहीं रह जाती है. मोदक चढ़ाने पर भगवान अपने भक्तों का सभी प्रकार से मंगल करते हैं.

गणपति पूजन के ये हैं 5 बड़े लाभ

– रिद्धि-सिद्धि के दाता की साधना करने पर करियर-कारोबार में फायदा मिलता है. व्यापार में भी लाभ पहुंचता है.

– गणपति जी की प्रतिदिन साधना करने से जीवन के दु:ख और दरिद्रता दूर होने लगती है.

– लंबोदर की पूजा करने से माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होने लगती है. प्रथम आराध्य के आशीर्वाद से धन का सदुपयोग होने लगता है.

– गजानन की सच्चे मन से साधना करने पर उनके दिव्य दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होता है.

– बुधवार के दिन गणपति आराधना से मन की इच्छा शीघ्र पूरी हो जाती है.


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