सावन के पहले सोमवार पर इस तरह से करें शिव उपासना

सावन का पवित्र महीना आरंभ हो चुका है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना साल का पांचवां महीना होता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने का विधान होता है।

Update: 2022-07-17 02:49 GMT

 सावन का पवित्र महीना आरंभ हो चुका है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन का महीना साल का पांचवां महीना होता है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना करने का विधान होता है। सावन का महीना भगवान भोले को सबसे ज्यादा प्रिय होता है। ऐसी मान्यता है कि इस माह जो भी भक्त शिव उपासना करता है उसकी सभी तरह की मनोकामनाएं अवश्य ही पूरी होती हैं। श्रावण माह में बेलपत्र, भांग और धतूरा से पूजा करना और जल चढ़ाना बहुत ही फलदायी और शुभ होता है। सावन के महीने में सोमवार व्रत और गंगा स्नान करने का महत्व होता है।

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है ऐसे में सावन के महीने में आने वाले सोमवार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है और इस दिन विधिवत रूप से भगवान शिव और माता पार्वती पूजा-आराधना की जाती है। इस वर्ष सावन का महीना 14 जुलाई से आरंभ होकर 12 अगस्त तक चलेगा। सावन का पहला पहला सोमवार इस बार 18 जुलाई को पड़ रहा है। आइए जानते हैं सावन सोमवार व्रत का महत्व और शिव आराधना करने की पूरी विधि।

इस साल सावन का पवित्र महीना 29 दिनों तक चलेगा। जिसमें चार सोमवार व्रत पड़ेंगे। इन चार सोमवार में व्रत रखते हुए विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाएगी। सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को, सावन का दूसरा सोमवार 25 जुलाई को, तीसरा सावन सोमवार 01 अगस्त को पड़ेगा और अंतिम सावन सोमवार 08 अगस्त को पड़ेगा। भगवान शिव की पूजा सावन सोमवार के दिन करने पर मनुष्य की कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होगा और भोलेनाथ की विशेष कृपा हमेशा बनी रहेगी।

ज्योतिषीय गणना के अनुसार सावन महीने के पहले सोमवार के दिन शोभन योग का दुर्लभ संयोग बनेगा। इस योग में व्रत, पूजा-पाठ, जप और साधना व अनुष्ठान करने पर सौभाग्य में वृद्धि होती है।

सावन का महीना और सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा- आराधना और जलाभिषेक करने के लिए सबसे बढ़िया और शुभ माना गया है। मान्यता है सावन माह में ही माता पार्वती ने कठोर तप करते हुए भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था इसी कारण से इसका विशेष महत्व होता है। सावन सोमवार का व्रत रखने से सुहागिन महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखी और समृद्धि होता है। पति की लंबी आयु की मनोकामना पूरी होती है। अविवाहित युवतियां भी सावन सोमवार का व्रत रखती है ताकी भविष्य में उन्हें भी भगवान शिव की तरह योग्य वर की प्राप्ति हो सके। इसके अलाव ग्रह दोष को खत्म करने के लिए भी सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है।


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