इन राशि वाले रोजाना करें शनिदेव की पूजा, जानिए शनिदेव को प्रसन्न करने का उपाय

ज्योतिष में शनिदेव को क्रूर ग्रह कहा जाता है।

Update: 2021-07-02 14:00 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिष में शनिदेव को क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनिदेव के अशुभ प्रभावों से व्यक्ति का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार शनि का अशुभ प्रभाव हर व्यक्ति पर कभी न कभी जरूर पड़ता है। इस समय धनु, मकर, कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और तुला, मिथुन राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। इन राशियों के जातकों को इस समय विशेष सावधान रहने की आवश्यकता है। रोजाना शनिदेव की पूजा- अर्चना करने से शनि देव के अशुभ प्रभावों से बचा जा सकता है। शनि देव को प्रसन्न करने का सबसे आसान उपाय है रोजाना दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ। रोजाना दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। धार्मिक कथाओं के अनुसार राजा दशरथ ने शनि देव को प्रसन्न करने के लिए इस स्तोत्र की रचना की थी। इस स्तोत्र का पाठ करने से राजा दशरथ से भगवान शनिदेव प्रसन्न हुए थे।

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राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।
नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।
नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।
नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।
नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।
तपसा दग्धदेहाय नित्यं योगरताय च।
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।
ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।
देवासुरमनुष्याश्च सिद्घविद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे देव वाराहोऽहमुपागत।
एवं स्तुतस्तद सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।



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