Radha Ashtami के दिन इस मुहूर्त में करें राधा-कृष्ण की पूजा

Update: 2024-08-29 13:12 GMT
Radha Ashtami ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन राधा अष्टमी को बहुत ही खास माना गया है जो कि राधा रानी की पूजा अर्चना को समर्पित दिन होता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी शुभ दिन पर राधा जी का जन्म हुआ था। जिसे राधा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार राधा रानी का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर हुआ था।
 इस तिथि पर हर साल राधा जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि राधा जन्मोत्सव के दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान कृष्ण प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और कष्टों को दूर कर देते हैं। राधा अष्टमी का पर्व श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के 15 दिनों के बाद पड़ता है।
 पंचांग के अनुसार इस बार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 10 सितंबर को रात 11 बजकर 11 मिनट से आरंभ हो रहा है और इस का समापन अगले दिन यानी 11 सितंबर को रात 11 बजकर 46 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार राधा अष्टमी का पर्व 11 सितंबर को मनाया जाएगा। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा राधा रानी की पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं।
 राधा अष्टमी की पूजा मुहूर्त—
पंचांग के अनुसार राधा अष्टमी के शुभ दिन पर राधा रानी की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 सितंबर की सुबह 11 बजकर 3 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। ऐसे में भक्तों को राधा रानी की पूजा के लिए कुल मिलाकर ढ़ाई घंटे से भी अधिक का समय प्राप्त हो रहा है। ज्योतिष अनुसार राधा अष्टमी के दिन ज्येष्ठ नक्षत्र सुबह से लेकर रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। इसके बाद मूल नक्षत्र की शुरुआत हो जाएगा।
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