Somvati Amavasya पर कैसे करें पितरों की पूजा , जानें पूजा विधि

Update: 2024-08-29 11:53 GMT
Somvati Amavasya ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है पंचांग के अनुसार अभी भाद्रपद मास चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को भाद्रपद अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है जो कि स्नान दान, पूजा पाठ और व्रत आदि को समर्पित है इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। अमावस्या तिथि के देवता पितरों को माना गया है ऐसे में इनकी पूजा अर्चना भी लाभकारी होती है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की अमावस्या 2 सितंबर दिन सोमवार को मनाई जाएगी।
सोमवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण ही इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन पितरों की पूजा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सोमवती अमावस्या पर पितरों की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
अमावस्या पर ऐसे करें पितरों को प्रसन्न—
सोमवती अमावस्या के दिन ​पवित्र नदी में स्नान से लेकर दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन पितरों की पूजा अर्चना करने से पितृदोष दूर हो जाता है। ऐसे में पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए अमावस्या ति​थि पर सुबह उठकर स्नान दान जरूर करें पितरों की पूजा कर उनके लिए खाना निकालें और गाय को दें।
ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाले सभी दुख संकट दूर कर देते हैं। अमावस्या के दिन पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए तर्पण और पिंडदान जरूर करें साथ ही पितृ गायत्री मंत्र का जाप भी करें मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है।
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