Gupt Navratri के पांचवें दिन मां छिन्नमस्ता की पूजा, नोट करें विधि

Update: 2024-07-10 08:48 GMT
Gupt Navratri ज्योतिष न्यूज़  : हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का आरंभ 6 जुलाई से हो चुका है और इसका समापन 15 जुलाई को हो जाएगा। आज यानी 10 जुलाई को गुप्त नवरात्रि का पांचवा दिन है जो कि मां दिन्नमस्ता को समर्पित है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी छिन्नमस्ता को भगवती त्रिपुर सुंदरी का ही रौद्र स्वरूप माना गया है
इस दिन इनकी पूजा अर्चना की जाती है मान्यता है कि मां छिन्नमस्ता की पूजा अर्चना करने से मनुष्य को समाज में खूब मान सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है साथ ही सुख समृद्धि का भी वरदान मिलता है इसके अलावा इनकी पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा छिन्नमस्ता देवी की पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गुप्त नवरात्रि पर ऐसे करें देवी छिन्नमस्ता की पूजा—
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि के शुभ दिन पर मां छिन्नमस्ता की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि के बाद साफ वस्त्रों को धारण करें फिर संकल्प लेकर एक वेदी पर मां छिन्नमस्ता की प्रतिमा स्थापित कर देवी को गंगाजल, पंचामृत और साफ जल से स्नान करवाने के बाद माता को कुमकुम और सिंदूर से तिलक लगाएं।
माता को गुड़हल के पुष्प अर्पित करें और इसकी माल भी पहनाएं। इसके बाद लौंग, इलायची, बतासा, नारियल, मिठाई और फल का भोग लगाएं। पूजा के समापन के बाद देवी की आरती करें फिर वैदिक मंत्रों का जाप कर ध्यान करें साथ ही पूजा के दौरान होने वाली गलतियों के लिए मां छिन्नमस्ता से क्षमा भी जरूर मांग लें।
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