
धार्मिक | होली भाई दूज, जिसे उत्तर भारत में विशेष रूप से मनाया जाता है, भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने का पर्व है। इसे 'यम द्वितीया' भी कहा जाता है और यह होली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन का महत्व हिंदू धर्म की एक प्राचीन मान्यता से जुड़ा हुआ है, जो भाई-बहन के रिश्ते में प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है।
कहानी: होली भाई दूज की कहानी भगवान यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से जुड़ी हुई है। कहते हैं कि एक बार यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने उनके घर आए थे। यमुनाजी ने यमराज को प्रेमपूर्वक भोजन कराया और तिलक किया। इसके बाद यमराज ने अपनी बहन से यह वादा किया कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई को तिलक करके भोजन कराएगी, उसके भाई की उम्र लंबी होगी और वह किसी भी संकट से बचा रहेगा।
महत्व: इस दिन बहन अपने भाई को तिलक करती है और उसे मिठाई खिलाती है। इसके बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देता है और उसकी लंबी उम्र की कामना करता है। यह दिन भाई-बहन के रिश्ते को और भी मजबूत करता है और एक-दूसरे के प्रति प्यार और सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष: होली भाई दूज एक परिवारिक उत्सव है जो भाई-बहन के रिश्ते में स्नेह, सुरक्षा और आशीर्वाद का आदान-प्रदान करता है। यह दिन भाई-बहन के बीच प्रेम और सम्मान को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।