ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सबका अपना महत्व होता है लेकिन हर माह पड़ने वाली मासिक कालाष्टमी को खास माना जाता है जो कि शिव के रौद्र स्वरूप भगवान कालभैरव की साधना आाराधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और उपवास आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है और साधक की सारी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।
अभी वैशाख माह चल रहा है और इसके समाप्त होते हैं ज्येष्ठ माह लग जाएगा। ज्येष्ठ माह में मासिक कालाष्टमी का व्रत किया जाएगा। इस बार मासिक कालाष्टमी का व्रत 30 मई दिन गुरुवार को किया जाएगा। माना जाता है कि इस दिन विधिवत तरीके से अगर भगवान भैरव की पूजा की जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और दुखों को दूर कर देते हैं, तो आज हम आपको पूजा की संपूर्ण विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
कालाष्टमी पर ऐसे करें भगवान की पूजा—
आपको बता दें कि मासिक कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह साफ सफाई करें इसके बाद एक चौकी पर वस्त्र बिछाकर बाबा भैरव की प्रतिमा स्थापित करें फिर पंचांमृत से उनका अभिषेक करें इसके बाद प्रभु की प्रतिमा को साफ वस्त्र से पोंछे।
अब उन्हें इत्र लगाएं और पुष्पों की माला अर्पित करें फिर चंदन का तिलक करें। फल, मिठाई और घर पर बने प्रसाद का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों तेल का दीपक जरूर जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भक्ति भाव के साथ करें फिर आरती कर अपनी पूजा को पूर्ण करें अंत में भूल चूक के लिए क्षमा मांगे। फिर अगले दिन व्रती प्रसाद ग्रहण करके अपने व्रत को खोले। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं और उनकी मदद करें।