Budh Pradosh vratज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में दो बार पड़ता है। यह तिथि भगवान शिव को समर्पित होती है इस दिन भक्त शिव की विधिवत पूजा करते हैं और दिनभर उपवास आदि भी रखते हैं
माना जाता है कि ऐसा करने से महादेव की कृपा बरसती है। नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत 13 नवंबर यानी आज मनाया जा रहा है बुधवार के दिन प्रदोष व्रत पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा पूजा का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत की सही तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है जो कि इस बार 13 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 1 मिनट से आरंभ हो रही है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 14 नवंबर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार इस बार नवंबर का पहला प्रदोष व्रत 13 नवंबर दिन बुधवार को किया जाएगा। बुधवार के दिन प्रदोष पड़ने के कारण ही इसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जाना जा रहा है।
बुध प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त—
नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत यानी बुध प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 13 नवंबर को शाम 5 बजकर 28 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 7 मिनट तक है। ऐसे में बुध प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा करने के लिए साधक को 2 घंटे 38 मिनट का समय प्राप्त हो रहा है।