वसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त पर करें मां सरस्वती की पूजा, जीवन में जल्द मिलेगी सफलता

माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन वसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है.

Update: 2021-02-06 05:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेसक | माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवे दिन वसंत पंचमी (Vasant Panchami ) का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन देवी सरस्वती की खास पूजा -अर्चनी की जाती है. वसंत पंचमी से ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है. इस दिन पीले रंग के वस्त्र पनें जाते हैं, क्योंकि पीला रंग मां सरस्वती का प्रिय होता है. मां सरस्वती को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है. इस बार वसंत पंचमी का त्योहार 16 फरवरी यानी मंगलवार के दिन मनाया जाएगा. 

वसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
वसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त की बात की जाए तो यह 16 फरवरी को तड़के 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि प्रारंभ हो रही है जो 17 फरवरी को सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बसंत पंचमी का पर्व 16 फरवरी को ही मनाया जाएगा. बता दें कि वसंत पंचमी की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है. 
वसंत पंचमी का महत्व 
वसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है. मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं. हर दिन नयी उमंग से सूर्योदय होता है और नयी चेतना प्रदान कर अगले दिन फिर आने का आश्वासन देकर चला जाता है. यूं तो माघ का यह पूरा मास ही उत्साह देने वाला है, पर वसंत पंचमी का पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है. प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है. जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से प्रेम करते हैं, वे इस दिन मां शारदे की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते हैं. कलाकारों का तो कहना ही क्या? जो महत्व सैनिकों के लिए अपने शस्त्रों और विजयादशमी का है, जो विद्वानों के लिए अपनी पुस्तकों और व्यास पूर्णिमा का है, जो व्यापारियों के लिए अपने तराजू, बाट, बहीखातों और दीपावली का है, वही महत्व कलाकारों के लिए वसंत पंचमी का है. चाहे वे कवि हों या लेखक, गायक हों या वादक, नाटककार हों या नृत्यकार, सब दिन का प्रारम्भ अपने उपकरणों की पूजा और मां सरस्वती की वंदना से करते हैं.


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