नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायिनी की पूजा...जानें शुभ मुहूर्त और आरती
आज नवरात्रि का 6वां दिन है. आज मां नव दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना हो रही है.
आज नवरात्रि (Navratri 2021) का 6वां दिन है. आज मां नव दुर्गा के छठे रूप मां कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना (Maa Katyayani Puja) हो रही है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कात्यायिनी मां का स्वरूप सुख और शांति प्रदान करने वाला है. देवी कात्यायनी की पूजा सुबह किसी भी समय कर सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी कात्यायनी की पूजा करने से मन की शक्ति मजबूत होते है और साधक इन्द्रियों को वश में कर सकता है. अविवाहितों को देवी की पूजा करने से अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवी कात्यायिनी ने ही राक्षस महिषासुर का मर्दन किया था
मां कात्यायनी की पूजा :
मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सबसे पहले पूजा की चौकी पर साफ लाल रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर मां कात्यायनी की मूर्ति रखें. गंगाजल से पूजाघर और घर के बाकी स्थानों को पवित्र करें. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ व्रत का संकल्प पढ़ें एवं सभी देवी-देवताओं को नमस्कार करते हुए षोडशोपचार पूजन करें. मां कात्यायनी को दूध, घी, दही और शहद से स्नान करवाएं. मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है. इसलिए पूजा में देवी को शुद्ध शहद अर्पित करें. इसके बाद पूरे भक्ति भाव से देवी का मंत्र पढ़ें. मन में जो मनोकामना हो उसे दोहराते हुए देवी से आशीर्वाद मांगें.
मां कात्यायनी का मंत्र:
चंद्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनि।
मां कात्यायनी की आरती:
जय जय अंबे जय कात्यायनी ।
जय जगमाता जग की महारानी ।।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा ।।
कई नाम हैं कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।।
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की ।।
झूठे मोह से छुड़ानेवाली।
अपना नाम जपानेवाली।।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।।
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी ।।
जो भी मां को भक्त पुकारे।