बुद्ध प्रदोष व्रत पर करें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना, जाने इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर महीने के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. आषाढ़ मास की त्रयोदशी तिथि आज यानी बुधवार को पड़ रही है इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं.

Update: 2021-07-07 06:24 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने में दो बार प्रदोष व्रत रखा जाता है. हर महीने के त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. आषाढ़ मास की त्रयोदशी तिथि आज यानी बुधवार को पड़ रही है इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहते हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना की जाती है. कई लोग इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में होनी चाहिए. सूर्यास्ते से 45 मिनट पहले या 45 मिनट बाद के समय को प्रदोष काल कहते हैं. इस समय में भगवान शिव की पूजा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. आइए जानते हैं इस व्रत से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें.

1. प्रदोष व्रत के दिन घर के बड़े – बुजुर्ग बच्चों के हाथों से मिठाई और हरी वस्तुओं का दान कराएं. इसके अलावा प्रदोष व्रत के दिन गणेश भगवान को 5 इलायची, 5 सुपारी और 5 मोदक चढ़ाएं.
2. इस दिन भगवान गणेश के सामने घी का दीपक जलाएं और ऊं गं गणपतये नम: मंत्रों का जाप करें. इस व्रत का जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाएगी.
3. अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह का दोष है तो देवी दुर्गा और गणेश की पूजा अर्चना करें. इसके अलावा गणेश जी को गुड़हल के 11 फूल और हरे दूर्वा चढ़ाएं.
4. इस दिन पूजा – पाठ होने के बाद जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं.
5. शाम के समय में प्रदोष काल में शिवलिंग पर जल में कच्चा दूध मिलाकर अभिषेक करें और तिल के तेल में चौमुखा दीया जलाकर भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें. इस उपाय को करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.
बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 6 जुलाई को रात 01 बजकर 02 मिनट पर शुरू हुआ जो 8 जुलाई सुबह 3 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 07 जुलाई 2021 को शाम 07 बजकर 23 मिनट से रात 09 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना शुभ होता है.
प्रदोष व्रत महत्व
प्रदोष व्रत निसंतान लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. मान्यता है कि भगवान शिव अपने भक्तों से आसानी से प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. भगवान शिव की पूजा करने से घर में सुख- समृद्धि बनी रहती है.


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