सनातन धर्म में भगवान कुबेर को धन का देवता माना गया है। मान्यता है कि भगवान कुबेर की आराधना करने से व्यक्ति की सभी आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और उसके जीवन में सुख-समृद्ध और धन-संपदा का आगमन होता है। यदि भगवान कुबेर अपने किसी भक्त पर मेहरबान हो जाएं तो उस व्यक्ति को कभी भी आर्थिक संकट व दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता है। शास्त्रों भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्र बताए गए हैं। इन मंत्रों का शुद्ध उच्चारण करने से भगवान कुबेर की कृपा बरसती है।
भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर्व सबसे उपयुक्त माना जाता है। धनतेरस पर लगभग सभी लोग कुबेर की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन कुबेर के साथ ही मां लक्ष्मी और धनवंतरी की पूजा का भी विधान है। आइए जानते हैं कि किन मंत्रों के जाप से आप कुबेरजी को प्रसन्न कर सकते हैं।
इन मंत्रों का करें जाप
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये।
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः।।
भगवान कुबेर की आरती
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे, स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े, स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से, कई-कई युद्ध लड़े ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
स्वर्ण सिंहासन बैठे, सिर पर छत्र फिरे, स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं, सब जय जय कार करैं ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
गदा त्रिशूल हाथ में, शस्त्र बहुत धरे, स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन, धनुष टंकार करे ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने, स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं, साथ में उड़द चने ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
बल बुद्धि विद्या दाता, हम तेरी शरण पड़े, स्वामी हम तेरी शरण पड़े,
अपने भक्त जनों के, सारे काम संवारे ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
मुकुट मणी की शोभा, मोतियन हार गले, स्वामी मोतियन हार गले।
अगर कपूर की बाती, घी की जोत जले ।। ॐ जय यक्ष कुबेर हरे।।
यक्ष कुबेर जी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी, मनवांछित फल पावे।