कालाष्टमी पर ऐसे करें भगवान कालभैरव की पूजा

वैशाख माह में कालाष्टमी आज 3 मई 2021 सोमवार को मनाई जाएगी।

Update: 2021-05-03 04:18 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| वैशाख माह में कालाष्टमी आज 3 मई 2021 सोमवार को मनाई जाएगी। कालाष्टमी व्रत भगवान भैरव के भक्तों के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत हर माह की अष्टमी तिथि को आता है। इस दिन शिव शंकर के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। इससे काल भैरव प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करते हैं। इनकी कृपा हमेशा अपने भक्तों पर बनी रहती है जिससे नकारात्मक शक्तियों से भी मुक्ति प्राप्त होती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से भय से मुक्ति प्राप्त होती है और सभी संकट आने से पहले ही दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही रोगों से मुक्ति भी प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं किस तरह करें काल भैरव की पूजा।

कालाष्टमी पूजा विधि:
इस दिन सुबह उठ जाएं। इसके बाद सभी नित्यकर्मों से निवृत्त होकर स्नानादि कर लें।
स्नानादि के बाद स्वच्छ वस्त्र पहन लें।
इसके बाद घर के मंदिर में या किसी शुभ स्थान पर कालभैरव की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
इसके चारों तरफ गंगाजल छिड़क लें। फिर उन्हें फूल अर्पित करें।
फिर नारियल, इमरती, पान, मदिरा, गेरुआ आदि चीजें अर्पित करें।
फिर कालभैरव के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं और धूप-दीप करें।
फिर भैरव चालीसा का पाठ करें।
फिर भैरव मंत्रों का 108 बार जाप करें।
इसके बाद आरती करें और पूजा संपन्न करें।
कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त:
वैशाख माह, कृष्ण पक्ष, अष्टमी तिथि
03 मई 2021, सोमवार
वैशाख कृष्ण अष्टमी आरंभ- 03 मई 2021, सोमवार, दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से
वैशाख कृष्ण अष्टमी समाप्त- 04 मई 2021, मंगलवार, दोपहर 01 बजकर 10 मिनट पर


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