नई दिल्ली : हिंदू पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। यह तिथि महादेव के पुत्र गणपति बप्पा को समर्पित है। वैशाख माह में विनायक चतुर्थी 11 मई को है। धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के शुभ अवसर पर भगवान गणेश जी की विशेष पूजा करने से साधक का जीवन सदैव खुशहाल रहता है। साथ ही व्रत करने से सभी तरह की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। आइए आपको बताएंगे कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की आराधना किस तरह करनी चाहिए।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि 2024
विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत प्रभु के ध्यान से करें। इसके बाद मंदिर की सफाई कर चौकी पर भगवान गणेश जी की प्रतिमा विराजमान करें और पूजा का संकल्प लें। अब उन्हें तिलक लगाकर कुमकुम, वस्त्र, पीले फूल, अक्षत, धूप, दीप, पान और सुपारी अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें। पूजा के दौरान गणेशा चालीसा का पाठ करने कल्याणकारी माना जाता है। इसलिए गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें। अब प्रभु को लड्डू या मोदक का भोग जरूर लगाएं। इसके पश्चात लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें। ।
इन मंत्रों का करें जाप
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
धन लाभ हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।