ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन हर माह पड़ने वाला प्रदोष व्रत खास माना गया है जो कि शिव पार्वती की पूजा अर्चना के लिए अहम होता है इस दिन भक्त भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा वैशाख माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत की तारीख और पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 मई को शाम 5 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो रही है और समापन 6 मई को दोपहर 2 बजकर 40 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 5 मई दिन रविवार को किया जाएगा।
इस दौरान पूजन का शुभ मुहूर्त शाम को 6 बजकर 59 मिनट से 9 बजकर 6 मिनट तक रहने वाला है इस मुहूर्त में शिव पार्वती की विधिवत पूजा करना लाभकारी होगा। माना जाता है कि इस मुहूर्त में पूजा पाठ और व्रत करने से दुखों का निवारण हो जाता है और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिव पूजा विधि—
आपको बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्रों को धारण करें इसके बाद भगवान शिव को पंचामृत से स्नान करवाएं। साथ ही शिव परिवार का भी पूजन करें। शिव जी को बेलपत्र, पुष्प, धूप, दीवक और नैवेद्य अर्पित करें अंत में आरती करें व शिव जी के मंत्रों और चालीसा का पाठ भक्ति भाव से करें प्रदोष काल में फिर से स्नान करके शुभ मुहूर्त में शिव पार्वती का पूजन करें इसके बाद अपने व्रत को खोलें।