हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को बेहद ही खास माना जाता हैं जो कि हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाई जाती हैं जिसे श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के नाम से जाना जाता हैं। इसी पावन दिन पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण ने धरती पर जन्म लिया था जिसे जन्माष्टमी के तौर पर देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं।
इस विशेष दिन पर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा होती हैं और उपवास भी रखा जाता हैं इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 6 सितंबर को मनाया जाएगा। ऐसे में आज हम आपको श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ दिन पर भगवान के बाल स्वरूप की पूजा विधि बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
जन्माष्टमी पूजा विधि और मुहूर्त—
इस बार की जन्माष्टमी को बेहद ही शुभ माना जा रहा हैं क्योंकि इस बार ग्रह नक्षत्रों का शुभ संयोग बन रहा हैं। श्रीकृष्ण की साधना के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं। इस दिन भगवान की विधिवत पूजा अर्चना करने से साधक के सभी दुख दूर हो जाते हैं और विशेष फल की प्राप्ति होती हैं। इस बार अष्टमी तिथि का आरंभ 6 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से हो रहा हैं वही समापन 7 सितंबर को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर हो जाएगा।
ऐसे में जन्माष्टमी पूजा का शुभ समय रात 11 बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। इस दौरान लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना करना लाभकारी माना जा रहा हैं। शुभ मुहूर्त में भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप वाली प्रतिमा को स्नान कराएं इसके बाद भगवान का श्रृंगार कर उन्हें अष्टगंध, चंदन, अक्षत और रोली का तिलक लगाकर माखन मिश्री व अन्य भोग अर्पित करें फिर भगवान की विधि विधान से पूजा कर उनकी आरती करें और कृष्ण स्तोत्र का पाठ करें ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।