मंगलवार को ऐसे करें हनुमान जी की पूजा...आप पर बनी रहेगी शनिदेव की कृपा
स्कंद पुराण के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था,
स्कंद पुराण (Skand Puran) के अनुसार, मंगलवार के दिन हनुमान जी (Lord Hanuman) का जन्म हुआ था, इस कारण मंगलवार का दिन (Tuesday is for Hanuman ji) उनकी पूजा के लिए समर्पित कर दिया गया. इस दिन विधि विधान के साथ हनुमान जी की पूजा करने से वे जल्द प्रसन्न होते हैं और श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूरी कर, उन्हें हर संकट से बचा लेते हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से सिर्फ हनुमान जी ही नहीं बल्कि शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं (Shanidev happy) और उनका प्रकोप भी कम हो जाता है.
हनुमान चालीसा का पाठ करने से धन की नहीं होगी कमी
हनुमान जी के भक्तों पर शनिदेव भी अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं. हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने और हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa) करने से शनिदेव तो प्रसन्न होते ही हैं, साथ ही जीवन में आर्थिक संपन्नता (Financial prosperity) भी बनी रहती है. हनुमानजी को बल, बुद्धि और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार अगर किसी भी संकट या परेशानी के समय हनुमान जी को याद किया जाए तो वह हर विपदा को हर लेते हैं. यही कारण है कि हनुमान जी को संकटमोचन (Sankat mochan) कहा जाता है.
क्यों हनुमान जी की पूजा से शांत रहते हैं शनिदेव?
हनुमान जी की शिव जी का अवतार (Lord Shiva Avtaar) माना जाता है. ऐसे में यह सवाल आपके मन में भी जरूर होगा कि आखिर हनुमान जी की पूजा से क्यों शांत रहते हैं शनिदेव. तो इस सवाल के जवाब के पीछे है एक पौराणिक कथा. जब हनुमान जी माता सीता को ढूंढ़ने लंका पहुंचे थे, जहां उनकी नजर शनिदेव पर पड़ी. हनुमान ने शनिदेव से लंका में होने का कारण पूछा तो शनिदेव ने बताया कि रावण ने अपने योग बल से उन्हें कैद कर रखा है. यह सुनकर हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से आजाद कराया. इससे प्रसन्न होकर शनि देव ने हनुमान को वरदान मांगने को कहा. तब बजरंगबली ने कहा कि कलियुग में मेरी पूजा और आराधना करने वाले और मेरी भक्ति करने वाले को आप कभी अशुभ फल नहीं देंगे. इसलिए हनुमान जी की पूजा करने से भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.
मंलवार को ऐसे करें हनुमान जी की पूजा
मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें, फिर लाल वस्त्र पहनें और हाथ में जल लेकर हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने व्रत का संकल्प करें. अब हनुमान जी के सामने घी का दीपक जलाएं और फूल माला अर्पित करें. रुई में चमेली का तेल लेकर उनके सामने रखें. फिर मंगलवार व्रत कथा का पाठ करें, फिर हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करें. आखिर में आरती करके भोग लगाएं. मंगलवार के दिन सिर्फ एक बार ही भोजन करें. इस दिन शाम को भी शुद्धता के साथ हनुमान जी की पूजा करें और उनके सामने दीपक जलाकर आरती करें.