द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर इस विधि से करें गणपति आराधना

Update: 2024-02-27 11:25 GMT

ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी बेहद ही खास मानी गई है जो कि भगवान गणेश की साधना आराधना को समर्पित होती है इस दिन भक्त भगवान श्री गणेश की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

 इस बार द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी दिन बुधवार यानी की कल किया जाएगा। इस दिन बुधवार पड़ने के कारण इसका महत्व और बढ़ गया है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी पर गणेश पूजन की संपूर्ण विधि से अवगत करा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 फाल्गुन संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा—
आपको बता दें कि संकष्टी चतुर्थी के शुभ दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद पीले या लाल वस्त्रों को धारण कर घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह से साफ सफाई करें। अब एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर गणेश प्रतिमा को स्थापित करें। भगवान गणेश की पूजा आरंभ करें उन्हें हल्दी, कुमकुम, अक्षत अर्पित करें धूप दीपक दिखाएं।
 इसके बाद नेवैद्य अर्पित करें। भगवान गणेश को लाल पुष्प्, दूर्वा, सिंदूर, मोदक, सुपारी और इत्र अर्पित करें उन्हें लड्डूओं का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान श्री गणेश के मंत्रों का विधिवत जाप करें फिर उनकी चालीसा पढ़ें और अंत में भगवान की आरती करें और पूजा में होने वाली भूल चूक के लिए प्रभु से क्षमा मांगे। इसके बाद सभी में प्रसाद वितरण करें।
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