कालाष्टमी पर इस विधि से करें भैरव बाबा की पूजा

Update: 2024-05-01 07:45 GMT
 ज्योतिष न्यूज़ : हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार मनाएं जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन कालाष्टमी का व्रत बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है इस दिन भगवान शिव के रौद्र स्वरूप बाबा भैरव की विधिवत पूजा की जाती है और व्रत आदि भी रखा जाता है मान्यता है कि मासिक कालाष्टमी के दिन भैरव बाबा की विधिवत पूजा अर्चना करने से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं और सुख समृद्धि बनी रहती है।
 पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी मनाई जाती है इस बार वैशाख माह में कालाष्टमी का व्रत आज यानी 1 मई दिन बुधवार को किया जा रहा है इस दिन भैरव बाबा की ​विधिवत पूजा करने से भक्तों को भगवान की कृपा प्राप्त होती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भैरव बाबा की पूजा विधि आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 कालाष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ 1 मई की सुबह 5 बजकर 45 मिनट से हो चुका है वही इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 2 मई को सुबह 4 बजकर 1 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में कालाष्टमी का व्रत पूजन 1 मई दिन बुधवार यानी की आज किया जाएगा।
 भैरव बाबा की पूजा विधि—
आपको बता दें कि आज मासिक कालाष्टमी के दिन सुबह उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होने के बाद पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें अब कालभैरव बाबा की विधिवत पूजा करें और शिव जी का अभिषेक भी करें। भगवान भैरव के समक्ष दीपक जलाएं इस दौरान शिव चालीसा, शिव स्तोत्र और शिव मंत्रों का भक्ति भाव से जाप करें। आखिरी में भगवान की आरती करें इसके बाद निशा काल में दोबारा से विधिवत भगवान भैरव की पूजा करें और दिनभर का उपवास रखें।
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