Sawan ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन प्रदोष व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि शिव साधना का दिन होता है इस दिन भक्त भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना करते हैं पंचांग के अनुसार अभी सावन का महीना चल रहा है और इस माह का पहला प्रदोष व्रत शिव पार्वती की पूजा के लिए श्रेष्ठ दिन है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है इस व्रत का पुण्य फल दिन अनुसार प्राप्त होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सावन प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गुरु प्रदोष व्रत की तारीख और मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह का पहला प्रदोष व्रत गुरुवार 1 अगस्त को रखा जाएगा। सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 1 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 28 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसके अगले दिन यानी की 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगी।
वही प्रदोष व्रत पर संध्याकाल भगवान शिव की पूजा का विधान है ऐसे में गुरुवार 1 अगस्त को सावन माह का पहला प्रदोष व्रत है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा प्रदोष काल में करें ऐसा करने से व्रत पूजा का पूर्ण फल मिलता है और परेशानियां दूर रहती हैं।