28 जुलाई को बन रहा है अद्भुत योग, मां लक्ष्मी की कृपा से होगी अपार धन की प्राप्ति

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी दिन कोई ग्रह परिवर्तन के अलावा कोई विशेष नक्षत्र बनता है, तो इसका असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ता है। 27 नक्षत्रों में से एक पुष्य नक्षत्र काफी शुभ माना जाता है।

Update: 2022-07-24 03:29 GMT

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी दिन कोई ग्रह परिवर्तन के अलावा कोई विशेष नक्षत्र बनता है, तो इसका असर हर राशि के जातकों के जीवन पर पड़ता है। 27 नक्षत्रों में से एक पुष्य नक्षत्र काफी शुभ माना जाता है। जब पुष्य नक्षत्र रविवार या फिर गुरुवार के दिन बनता हैं, तो काफी लाभकारी माना जाता है। इस दुर्लभ संयोग में कोई भी काम करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसी तरह 28 जुलाई को भी पुष्य नक्षत्र लग रहा है। इसके साथ ही 29 जुलाई को गुरु ग्रह भी राशि परिवर्तन करके मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। ऐसे में 28 जुलाई की तारीख काफी शुभ संयोग वाली मानी जा रही है।

गुरु पुष्य नक्षत्र की तिथि और समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, पुष्य नक्षत्र 28 जुलाई को सुबह 7 बजकर 5 मिनट से शुरू हो रहा है जोकि 29 जुलाई को सुबह 09 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही गुरु भी वक्री हो रहा है। पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ता है, तो गुरु पुष्य नक्षत्र बनता है।। इस दिन को धन समृद्धि का कारक माना जा रहाहै। ऐसे में सोना-चांदी, घर, वाहन आदि लेना काफी शुभ माना जाता रहा है।

गुरु पुष्य नक्षत्र का महत्व

धार्मिक एवं ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है। इसे 27 नक्षत्रों में से आठवां नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र को सुख संपदा वाला नक्षत्र कहा जाता है। पाणिनि संहिता में भी इस नक्षत्र को बहुत शुभ कहा गया है।

शास्त्रों के अनुसार गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन नई वस्तु, जमीन-मकान की खरीददारी, वाहन आदि खरीदने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही अगर इस दिन कुछ नया बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और बिजनेस में लाभ ही लाभ मिलता है।

गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन विवाह करने की मनाही होती है। क्योंकि ब्रह्मा जी ने किसी कारणवश इस नक्षत्र को शाम दे दिया था। जिसके कारण विवाह जैसे मंगल कार्य इस दिन करने की मनाही होती है। वैदिक शास्त्रों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र को सभी नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र के स्वामी शनिदेव हैं। इसलिए इस नक्षत्र में गुरु के साथ-साथ शनिदेव का भी प्रभाव है।

साल 2022 में कब-कब बनेगा गुरु पुष्य नक्षत्र

गुरु पुष्य नक्षत्र काफी शुभ माना जाता है जो साल में काफी कम बनता है। साल 2022 की बात करें तो 28 जुलाई को बनने के बाद गुरु पुष्य नक्षत्र 25 अक्टूबर दीपावली के दिन होगा। इसके बाद अंतिम गुरु पुष्य नक्षत्र 25 नवंबर को बनेगा।

गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन करें ये उपाय

गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। पैसों की तंगी से छुटकारा पाने के लिए इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा करें। इसके साथ ही कमलगट्टे के माला से 'ओम श्रीं ह्रीं दारिद्रय विनाशिन्यै धनधान्य समृद्धि देहि देहि नमः:'का 108 बार जाप करें।


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