चैती छठ पर महिलाएं जरूर करें उपवास, नोट करें मुहूर्त

Update: 2024-04-13 10:44 GMT
ज्योतिष न्यूज़  : सनातन धर्म में कई सारे पर्व मनाए जाते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन चैती छठ को खास माना गया है जो कि चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाया जाता है इस बार चैती छठ का आरंभ 12 अप्रैल यानी कल शुक्रवार से हो चुका है।
 चैती छठ को यमुना छठ के नाम से भी जाना जाता है जिसमें महिलाएं 36 घंटे का लंबा उपवास करती है और पूजा पाठ करती हैं माना जाता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और संतान सुख की इच्छा पूरी हो जाती है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा चैती छठ से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 चैती छठ का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि 13 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 4 मिनट से आरंभ हो रही है वहीं इसका समापन 14 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर हो जाएगा। इस दौरान नहाय खास और सूर्य भगवान को जल अर्पित करने का मुहूर्त कुछ इस प्रकार है। चैती छठ में खरना 13 अप्रैल दिन शनिवार को किया जाएगा। संध्या अर्घ्य 14 अप्रैल दिन रविवार को किया जाएगा। सूर्य अर्घ्य 15 अप्रैल दिन सोमवार को किया जाएगा।
 आपको बता दें कि चैती छठ का आरंभ नहाय खास के साथ हो जाता है इस दिन व्रती महिलाएं यमुना नदी या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान करती है इसके बाद सात्विक भोजन करती हैं चैती छठ के दूसरे दिन खरना किया जाता है जिससे व्रत की शुरुआत मानी जाती है यह व्रत करीब 36 घंटों तक चलता है। इस दिन प्रसाद को मिट्टी के नए चूल्हे पर बनाया जाता है इसके बाद महिलाएं स्नान आदि करके भगवान श्री सूर्यदेव को जल अर्पित करती हैं। चैती छठ के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को जल अर्पित किया जाता है इसके बाद महिलाएं व्रत को समाप्त करती है।
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