3 जून तक चलेगा. हिंदू धर्मशास्त्रों ये शुभ कार्य करने से मिलेगा पितरों का आशीर्वाद, और अंजाने में हुए पाप कट जाते हैं
हिंदू धर्मशास्त्रों में नौतपा के दौरान पेड़-पौधे लगाने और कुछ विशेष चीजों को दान करने का खास महत्व है. माना जाता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नौतपा के दौरान सूर्य का तेज सबसे ज्यादा प्रबल होता है. इसलिए ये नौ दिन सबसे ज्यादा तपने वाले माने जाते हैं. फिलहाल नौतपा 25 मई से शुरू हो चुका है और 3 जून तक चलेगा. हिंदू धर्मशास्त्रों में इस दौरान पेड़-पौधे लगाने और कुछ विशेष चीजों को दान करने का खास महत्व है. माना जाता है कि ऐसा करने से वर्षों तक न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है और अंजाने में हुए पाप कट जाते हैं. साथ ही पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
ज्योतिष विशेषज्ञ डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस मौसम में गर्मी अपने चरम पर होती है, इसलिए पेड़-पौधों को लगाना काफी शुभ माना जाता है. पेड़ पौधे छाया देने के साथ गर्मी के ताप को कम करते हैं. इसलिए इसे लोगों का कल्याण करने वाला कार्य माना जाता है. इस कार्य से जो पुण्य अर्जित होता है, वो लंबे समय तक साथ रहता है.
अश्वमेध यज्ञ के समान मिलता पुण्य ज्योतिषाचार्य के मुताबिक नौतपा के बीच पीपल, बरगद, आम, नीम, बिल्वपत्र, आंवला और तुलसी के पौधे लगाने का विशेष महत्व है. इन पौधों को लगाने से कई गुणा फल प्राप्त होता है. साथ ही पितर तृप्त होते हैं. शास्त्रों में पेड़ को लगाने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य मिलने की बात कही गई है. साथ ही जीवन की तमाम परेशानियों के खत्म होने की बात कही गई है.
पेड़-पौधों की सेवा करने को भी माना गया है शुभ कार्य नौतपा के दौरान गर्मी की वजह से पेड़ पौधे सूखने लगते हैं, ऐसे में उन्हें पानी देना और पौधों की सेवा करना, जीवन देने के समान माना जाता है. ऐसा करने से भी कई गुणा पुण्य तो मिलता ही है, साथ ही पितरों को शांति मिलती है, जिससे उनका शुभाशीष प्राप्त होता है.
इन चीजों को करना चाहिए दान नौतपा के बीच लोगों को अन्न, जल के अलावा जूते-चप्पल, छाता, वस्त्र, पानी से भरा हुआ घड़ा, सत्तू, पंखा, आम, खरबूजा, दही, गंगाजल आदि ठंडी चीजें और गर्मी से बचाव करने वाली चीजों को दान करना चाहिए.