नागपंचमी के दिन क्यों की जाती है नागों की पूजा, जानें इसके पीछे का इतिहास

हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना गया है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा का विधान है। इस महीने में नाग पंचमी का पावन त्योहार भी मनाया जाता है। भगवान शिव को नाग अतिप्रिय है।

Update: 2022-07-05 05:24 GMT

हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना गया है। इस महीने में भगवान शंकर की पूजा का विधान है। इस महीने में नाग पंचमी का पावन त्योहार भी मनाया जाता है। भगवान शिव को नाग अतिप्रिय है। ऐसे में शिवभक्त इस त्योहार को बेहद धूमधाम के साथ मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं।

नाग पंचमी 2022 शुभ मुहूर्त 

इस साल 2 अगस्त को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, 2 अगस्त को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से पंचमी तिथि प्रारंभ होगी, जो कि 3 अगस्त को सुबह 05 बजकर 42 मिनट तक रहेगी। नाग पंचमी मुहूर्त की अवधि 03 घंटे 41 मिनट तक रहेगी। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोषों से मुक्ति मिल जाती है। नाग देवता की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आने की मान्यता है।

नाग पंचमी पूजा सामग्री-

नाग देवता की प्रतिमा या फोटो, दूध, पुष्प, पंच फल पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध रोली, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी, चंदन, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री आदि।

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नाग देवता पूजा- विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

स्नान के पश्चात घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

इस पावन दिन शिवलिंग पर जल जरूर अर्पित करें।

नाग देवता का अभिषेक करें।

नाग देवता को दूध का भोग लगाएं।

भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश को भी भोग लगाएं।

नाग देवता की आरती करें।

अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी करें।


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