गुरूवार को क्यों करनी चाहिए पूजा और व्रत...क्या है इसका महत्व...जानें

आज गुरुवार है और आज के दिन भगवान श्रीहरि विष्णुजी की भी पूजा की जाती है। हालांकि, कई जगहें ऐसी भी हैं

Update: 2020-10-08 01:03 GMT

गुरूवार को क्यों करनी चाहिए पूजा और व्रत...क्या है इसका महत्व...जानें  

जनता से रिश्ता वेबडेस्कआज गुरुवार है और आज के दिन भगवान श्रीहरि विष्णुजी की भी पूजा की जाती है। हालांकि, कई जगहें ऐसी भी हैं जहां लोग देवगुरु बृहस्पति व केले के पेड़ की पूजा करते हैं। धार्मिंक मान्यता के अनुसार, केले का वृक्ष बेहद ही पवित्र माना जाता है। इस दिन पूजा कर व्यक्ति अपने गुरू गृह को भी मजबूत कर सकता है। तो आइए जानते हैं कि बृहस्‍पतिवार की पूजा और व्रत क्यों करना चाहिए।बृहस्‍पतिवार की पूजा करने से मिलते हैं कई लाभ:

बृहस्‍पतिवार की पूजा से व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। इस दिन सुबह में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दौरान पीले वस्त्र धारण किए जाते हैं। श्री हरि को हल्दी, चावल अर्पित किया जाता है और विधि पूर्वक पूजन किया जाता है। बाकी समय में इस दिन भगवान बृहस्पति की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन अगर गुरू भगवान और विष्‍णु जी की आराधना की जाए तो व्यक्ति को ऋण मुक्ति, शीघ्र विवाह और संपत्ति की प्राप्‍ति होती है। बृहस्पति देव को बुद्धि का कारक कहा गया है। ऐसे में अगर इनकी पूजा की जाए तो व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति भी होती है। वहीं, विष्‍णु जी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनाकामनाएं पूर्ण होती हैं।

शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 17 अक्टूबर दिन शनिवार से हो रहा है।

1. गुरुवार का व्रत करें। इस दिन पीले और स्वच्छ वस्त्र पहनें। इस दिन बिना नमक का भोजन खाया जाता है। इस दिन आप बेसन के लड्डू, आम बेसन की रोटी आदि का सेवन कर सकते हैं।

2. गुरु वृहस्पति की पूजा पंचोपचार से करें। इन्हें केसरिया चंदन, पीले चावल, पीले फूल व भोग में पीले पकवान या फल भी चढ़ाएं। साथ ही वृहस्‍पति भगवान की आरती करें।

3. इस दिन गुरु मंत्र का उच्चारण कम से कम 108 बार करें। यह मंत्र है- 'ॐ बृं बृहस्पते नम'।

4. अपने सामर्थ्य के अनुसार व्यक्ति इस दिन पीली वस्तुओं का दान कर सकता है। 

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