गणेश चतुर्थी के दिन क्यों नहीं करना चाहिए चंद्र दर्शन, जानें कथा

प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन के साथ पूरे देश में गणेश उत्सव शुरू हो जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाला इस पर्व में घर में गणपति बप्पा का आगमन होता है।

Update: 2022-08-23 04:47 GMT

प्रतिवर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन के साथ पूरे देश में गणेश उत्सव शुरू हो जाएगा। 10 दिनों तक चलने वाला इस पर्व में घर में गणपति बप्पा का आगमन होता है। इस दिनों में गणपति की विधिवत पूजा करने के विधान है। इसके साथ ही मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसे कुंडली में दोष लगता है। इसके साथ ही किसी झूठे कलंक का सामना करना पड़ता है। जानिए आखिर गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करने की क्यों है मनाही?

गणेश चतुर्थी पर इस कारण नहीं करते हैं चंद्र दर्शन

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान गणेश माता पार्वती के आदेश पर घर के मुख्य पर खड़े होकर पहरा दे रहे थे। तभी भगवान शिव वहां आए और अंदर जाने लगे, तो गणेश जी ने उनको रोक दिया। बार-बार समझाने पर भी वे शिव जी को अंदर जाने से रोक दिए। तब गुस्से में महादेव ने उनका सिर काट दिया। तब तक पार्वती जी वहां आ गईं।उन्होंने शिव जी से कहा कि आपने क्या अनर्थ कर दिया, ये पुत्र गणेश हैं। आप उनको फिर से जीवित करें। माता पार्वती के कहने पर भगवान शिव ने गणेश जी को गजानन मुख प्रदान कर जीवन दिया। गजमुख के साथ दोबारा जीवन पाने पर सभी देवी देवता गणपति को आशीर्वाद दे रहे थे, लेकिन वहां मौजूद चंद्र देव गणपति को देखकर मुस्कुरा रहे थे।

गणेश जी समझ गए कि चंद्र देव उनके स्वरूप को देखकर घमंड से ऐसा कर रहे हैं। चंद्र देव को अपनी सुंदरता पर अभिमान था। वे गणपति जी का उपहास कर रहे थे। तब गणेश जी ने नाराज होकर चंद्र देव को शाप दे दिया था कि तुम हमेशा के लिए काले हो जाओगे। शाप के प्रभाव से चंद्र देव की सुंदरता खत्म हो गई और वे काले हो गए। इसके बाद चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगी। तब गणपति ने कहा कि आप एक मास में सिर्फ एक बार अपनी पूर्ण कलाओं से युक्त हो सकते हैं। इस वजह से ही पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी समस्त कलाओं से युक्त होते हैं। इसके साथ ही जो भी व्यक्ति मेरी पूजा के दौरान तुम्हारे दर्शन करेंगे उसे झूठे कलंक का सामना करना पड़ेगा। इसी कारण माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र के दर्शन नहीं करना चाहिए।


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