सावन में क्यों नहीं होती शादियां

नहीं होती शादियां

Update: 2023-07-13 06:53 GMT
सावन को हिन्दू धर्म में बहुत ही पावन और पवित्र महीना माना जाता है।
इस महीने में भगवान शिव की पूजा का विधान है। मान्यता है कि यह माह घर में शुभता और सुख-समृद्धि लेकर आता है।
हालांकि इस माह में विवाह करना अशुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, सावन के महीने में शादियां करना वर्जित है।
ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर जानते हैं कि क्यों नहीं होती हैं सावन में शादियां।
चातुर्मास में आता है सावन
सावन का महीना देवशयनी एकादशी के बाद से शुरू होता है।
देवशयनी एकादशी के बाद से सभी देवी-देवता सो जाते हैं।
भगवान विष्णु समेत सभी देवी-देवता पाताल में वास करते हैं।
वहीं, सृष्टि का संचालन भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) के हाथों में आ जाता है।
इसलिए सावन आता है और घरों में शिव पूजा शुरू हो जाती है।
सावन माह के दौरान शिव जी की पूजा का विशेष विधान है।
मध्य में पड़ेगा मलमास
वहीं, इस साल अधिक मास यानी कि मलमास भी पड़ रहा है।
मलमास का महीना 18 जुलाई से 16 अगस्त तक रहने वाला है।
मलमास में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किये जाते हैं।
विवाह, मुंडन आदि जैसे कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है।
हालांकि इस दौरान पूजा-पाठ करना बहुत लाभकारी होता है।
इसलिए विवाह है वर्जित
विवाह में वैष्णव मंत्र पढ़ें जाते हैं जो विष्णु जी के लिए समर्पित होते हैं।
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के ही मंत्रों का उच्चारण होता है।
सांसारिक कार्यों में भगवान विष्णु (भगवान विष्णु के मंत्र) और मां लक्ष्मी की प्रधानता है।
चातुर्मास के कारण श्री हरि विष्णु इस दौरान निद्रा में होते हैं।
बिना भगवान विष्णु के मां लक्ष्मी विवाह में उपस्थित नहीं होती हैं।
ऐसे में बिना लक्ष्मी नारायण के विवाह कार्य होना संभव ही नहीं है।
इसलिए शास्त्रों में सावन में शादियां करना वर्जित माना गया है।
भगवान शिव की भूमिका
किसी भी जोड़े को 'शिव पार्वती जैसी जोड़ी हो' वाला आशीर्वाद दिया जाता है।
भगवान शिव और माता पार्वती प्रेम विवाह करने वाले पहले प्रेमी जोड़े हैं।
इसलिए नवविवाहित दंपत्ति को इन्हीं के जैसे होने का आशीर्वाद मिलता है।
हालांकि महादेव वैरागी भी हैं इसी कारण से विवाह में उनकी पूजा नहीं होती है।
विवाह के उपाय से लेकर पूजा तक करने में भगवान शिव का स्थान है।
इस कारण से सावन में शादियां नहीं होती हैं। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
क्या होता है चातुर्मास?
चातुर्मास चार महीने का होता है। इस दौरान भगवान विष्णु चार महीनों के लिए पाताल में निवास करते हैं। इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किये जाते हैं।
मलमास कब से शुरू हो रहा है?
मलमास 18 जुलाई, दिन मंगलवार से शुरू होगा और 16 अगस्त, दिन बुधवार तक रहेगा।
मलमास को और किन नामों से जाना जाता है?
मलमास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं।
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