Vinayak Chaturthi ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन विनायक चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में आता है यह तिथि गणपति की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न रखने के लिए पूजा पाठ और व्रत आदि करते हैं। विनायक चतुर्थी को नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है इस दिन लोग नए कार्य की शुरुआत करते हैं।
पंचांग के अनुसार अभी मार्गशीर्ष मास चल रहा है और इस माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के तौर पर मनाया जाता है, इस दिन शिव पुत्र गणेश की आराधना करने से जीवन के कष्टों का निवारण हो जाता है और सुख समृद्धि बढ़ती है इस बार विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर को किया जाएगा। तो आज हम आपको पूजा की विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
विनायक चतुर्थी की तारीख और समय—
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की 4 दिसंबर 2024 की दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर आरंभ हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 5 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर हो जाएगा। वही उदया तिथि के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत 5 दिसंबर दिन गुरुवार को किया जाएगा।
आज विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। घर की साफ सफाई करके चौकी रखकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। व्रत का संकल्प करें। भगवान गणेश को रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, सिंदूर और दूर्वा अर्पित करें पूजा के दौरान गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद ऊँ गं गणपते नमः मंत्र का जाप 108 बार करें। भगवान गणेश को शमी पत्ता अर्पित करें ऐसा करने से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती है वही धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गणेश जी के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। ऐसा करने से लाभ मिलता है।