हनुमान जी (Hanuman Jayanti 2023) के मंदिर में अधिकतर जगहों पर बजरंगबली जी की प्रतिमा सिंदूर से रंगी होती है. इसके अलावा लोग उन्हें सिंदूर अर्पित भी करते हैं. मान्यता है कि सिंदूर का चोला चढ़ाने से हनुमान जी बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सारे कष्टो को दूर करते हैं. इसके अलावा सिंदूर चढ़ाने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है. आपको बता दें कि हनुमान जी का पूरा श्रृंगार सिंदूर से किया जाता है. ऐसे में आज हम आपको इसके पीछे का कारण बताने जा रहे हैं. जिसे सुनकर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी.
हनुमान जी को सिंदुर क्यों चढ़ाया जाता है?
वाल्मिकी जी द्वारा लिखित रामायण के अनुसार, लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भगवान राम के साथ हनुमान जी (Hanuman Jayanti 2023) भी अयोध्या आए थे. अयोध्या के राम महल में हनुमान जी दिनभर राम-राम जपते थे. एक दिन उन्होंने माता सीता को सिंदूर लगाते देखा. इसके बाद उन्होंने माता सीता से सिंदूर लगाने का कारण पूछा कि वो सिंदूर क्यों लगाती हैं. इसपर माता सीता ने जवाब दिया कि सिंदूर सुहाग की निशानी होता है. इसे देखकर प्रभु श्रीराम प्रसन्न होते हैं.
इतना सुनते ही हनुमान जी के दिमाग में तुरंत यह विचार आया कि जब माता सीता थोड़ा सा सिंदूर लगाती हैं, तो प्रभु श्रीराम देखकर प्रसन्न हो जाते हैं. ऐसे में अगर मैं अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लूं, तो भगवान राम बहुत प्रसन्न हो जाएंगे. फिर क्या था हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा डाला और जा पहुंचे प्रभु श्रीराम के दरबार में, ऐसे में उन्हें देखकर प्रभु श्री राम के साथ साथ सभी आश्चर्य में पड़ गए. इतने में प्रभु श्रीराम ने ऐसा करने के पीछे कारण पूछा, तो हनुमान जी ने पूरी बात प्रभु को बताई. इतना सुनने के बाद प्रभु श्री राम भी मुस्कुराने लगे. आपको बता दें कि तभी से हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर चढ़ाने की परंपरा चालू है.