प्रेगनेंसी में सिरदर्द क्यों होता है?

एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे अनोखा पीरीयड होता है जिसमें वह अपने अंदर एक जीव का अहसास करती है

Update: 2021-08-06 14:16 GMT

जनता से रिश्ता  वेबडेस्क |   एक महिला के जीवन में गर्भावस्था सबसे अनोखा पीरीयड होता है जिसमें वह अपने अंदर एक जीव का अहसास करती है। गर्भावस्था के दौरान महिला में कई प्रकार के शारीरिक बदलाव होते है, जिस कराण उनके हार्मोंन में भी चेंजेस आते हैं इस दौरान गर्भवती महिलाओं को कई तरह की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में एक दिक्कत जो आमतौर पर गर्भावस्था में बनी रहती हैं वो है सिरदर्द।

सिरदर्द एक ऐसा लक्षण है, जो विभिन्न वजहों से हो सकता है और इसका सामना एक महिला अपनी पूरी गर्भावस्था में करती है। प्रेगनेंसी में सिरदर्द की समस्या सामान्य से लेकर गंभीर हो सकती है, जिसका समय पर ही ठीक होना बहुत जरूरी है। आइए, जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान सिरदर्द होने के लक्षण, बचाव और उपचार के बारे में-
प्रेगनेंसी में सिरदर्द क्यों होता है?
प्रेगनेंसी के दौरान एक गर्भवती महिला को सिरदर्द होना सामान्य बात है। एक अध्ययन में कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान और डिलीवरी के बाद सिरदर्द के लक्षण 39 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं । वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में यह बताया गया है कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण सिरदर्द होता है। अगर इस दौरान सिरदर्द की परेशानी अधिक बढ़ जाती है तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

गर्भावस्था में सिरदर्द के लक्षण

-आंखों का लाल और उनमें जलन रहना

-सिर का भारी रहना
-जी मिचलाना
-आंखों में दर्द होना
-उल्टी होना
-चक्कर आना भी सिरदर्द के लक्षण हैं।
गर्भावस्था में सिर दर्द का इलाज
मसाज थेरेपी - गर्भावस्था में सिर दर्द अकसर नींद का पूरा न होना है। ऐसे में आप गर्भावस्था में महिला को मसाज थेरेपी दे सकते हैं। सिरदर्द की स्थिति में डॉक्टरी सलाह और विशेषज्ञ के हाथों मसाज की जा सकती है।
भरपूर नींद- गर्भावस्था के दौरान भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी है। इससे भी सिरदर्द की समस्या का इलाज किया जा सकता है।आइसपैक- गर्भावस्था के दौरान आइसपैक के जरिए भी सिरदर्द का इलाज किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार कैरोटिड आर्टरी (गर्दन की धमनी) पर आइसपैक रखने से माइग्रेन में कमी आ सकती है।
एक्यूप्रेशर- प्रेगनेंसी में एक्यूप्रेशर भी एक लाभदायक विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली थकान, ऐंठन और पीठदर्द के साथ सिरदर्द को भी कम करने में मदद करता है।
योगा- स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं के समाधान के लिए योगा बहुत जरूरी है। गर्भावस्था में सिरदर्द की समस्या से छुटकारा पाने के लिए योग नियमित करे।
भरपूर पानी पीए- शरीर में पानी की कमी से भी सिरदर्द होता है। इस लिए गर्भावस्था के दौरान 8-10 गिलास पानी पीएं।
प्रेगनेंसी में सिरदर्द के बचाव
-प्रेगनेंसी में सिरदर्द के जोखिम कारकों से बचने के लिए आप कुछ खाद्य पदार्थों से दूर रहे जैसे कि मांस और पैकेट बंद पनीर आदि इसके अलावा धूम्रपान और अल्कोहल से भी दूरी बनाकर रखे।
-स्वस्थ भोजन और तरल पदार्थों का सेवन करें।
-गर्भावस्था के दौरान चिंता और तनाव मुक्त रहें। जितना हो सके स्वयं को खुश रखें।
-माइग्रेन सिरदर्द की स्थिति में शोर वाले स्थानों पर जाने से बचें, एकांत स्थान पर बैठे और खुद को पाॅजीटिव ऱखें।


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