करवा चौथ पर क्‍यों करते हैं चंद्रमा की पूजा, जाने

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखते हैं, इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्‍य की प्राप्ति के लिए पूरा दिन निर्जला रहती हैं. पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला ये कठिन व्रत रात को चंद्र देव के दर्शन करके और अर्ध्‍य देकर खोला जाता है.

Update: 2022-09-27 03:30 GMT

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखते हैं, इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्‍य की प्राप्ति के लिए पूरा दिन निर्जला रहती हैं. पति की लंबी आयु के लिए रखा जाने वाला ये कठिन व्रत रात को चंद्र देव के दर्शन करके और अर्ध्‍य देकर खोला जाता है. इस साल करवा चौथ व्रत 13 अक्‍टूबर 2022, गुरुवार के दिन रखा जाएगा. लेकिन क्‍या आपको इसके पीछे का कारण पता है कि करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा क्‍यों की जाती है. साथ ही इस साल करवा चौथ की पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्‍या है.

करवा चौथ शुभ मुहूर्त

करवा चौथ व्रत की पूजा करने के लिए अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 21 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 07 मिनट तक रहेगा. वहीं शाम को 04 बजकर 08 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 50 मिनट तक अमृत काल रहेगा. करवा चौथ पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 46 मिनट तक माना जा रहा है. वहीं चंद्रोदय समय रात 08:16 मिनट पर है.

चंद्रमा की पूजा को लेकर रामायण की एक कथा है. इसके अनुसार एक बार श्रीराम ने पूर्व दिशा की ओर चमकते हुए चंद्रमा को देखकर पूछा कि चंद्रमा में कालापन क्‍यों है. इस पर लोगों ने अलग-अलग तर्क दिए. तब भगवान ने कहा कि चंद्रमा में कालापन उसके विष के कारण है और इससे वह वियोगी नर-नारियों को जलाता रहता है. वहीं मनोवैज्ञानिक तर्क जो पति-पत्‍नी एक दूसरे से किसी कारण अलग हो जाते हैं, उन्‍हें चंद्रमा की किरणें कष्‍ट पहुंचाती हैं. ऐसे में सुहागिन महिलाएं चंद्रमा की पूजा करके प्रार्थना करती हैं कि उन्‍हें अपने पति से कभी दूर न रहना पड़े और वे खुशहाल वैवाहिक जीवन जिएं.


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