घर में आंगन नहीं है तो घर अधूरा है। घर के आगे और घर के पीछे छोटा ही सही, पर आंगन होना चाहिए। वास्तु के अनुसार आंगन होने के कई लाभ हैं। यदि आपके घर में आंगन है तो जानते हैं कि कौनसा पौधा किस दिशा में रखें या लगाएं।
1. उत्तर का अंगन सबसे अति उत्तम, पूर्व का उत्तम और पश्चिम का मध्यम माना गया है। यदि आंगन बीचोबीच है तो उसके उत्तर में पूजाघर, आग्नेय में रसोईघर रखें। आंगन मकान का केन्द्रीय स्थल होता है। यह ब्रह्म स्थान भी कहलाता है। ब्रह्म स्थान सदैव खुला व साफ रखना चाहिए।
2. आंगन में तुलसी, अनार, जामफल, जामुन, कड़ी पत्ते का पौधा, नीम, आंवला, नारियल, केला आदि के अलावा सकारात्मक ऊर्जा पैदा करने वाले फूलदार पौधे लगाएं। साथ ही आंगन में चंपा, पारिजात, रातरानी, रजनीगंधा, मोगरा और जूही के फूल के पौधे लगाएं।
3. शास्त्रों के अनुसार जो व्यक्ति एक पीपल, एक नीम, दस इमली, तीन कैथ, तीन बेल, तीन आंवला और पांच आम के वृक्ष अपने आंगन में या कहीं और लगाता है, वह पुण्यात्मा होता है और कभी नरक के दर्शन नहीं करता।
4. तुलसी माता को आंगने के बीचोबीच एक बड़े से गमले में या चौकोर बने ऊंचे गमले में स्थापित किया जाता है।
5. वास्तु शास्त्र के अनुसार अपराजिता के पौधा को पूर्व, उत्तर या ईशान दिशा में लगाना चाहिए। उत्तर-पूर्व के बीच की दिशा को ईशान कोण कहते हैं। यह दिशा देवी देवताओं और भगवान शिव की दिशा मानी गई है।
6. नीम के पेड़ को दक्षिण दिशा में लगाना चाहिए जबकि कुंडली में मंगल दोष हो या मकान का मुख दक्षिणमुखी हो। अन्यथा नीम के वृक्ष को वायव्य कोण में लगाना भी अत्यंत शुभ फलदायी होता है। बेल का वृक्ष भी वायव्य कोण में लगा सकते हैं।
7. पूर्व दिशा में गुलाब, चंपा, गूलर, चमेली, बेला, दुर्वा, तुलसी आदि के पौधे लगाने चाहिए। इससे शत्रुनाश, धनसंपदा की वृद्धि व संतति सुख प्राप्त होता है। इस दिशा में पीपल और बरगद लगाना हो तो वास्तुशास्त्री से सलाह लें।
8. पश्चिम में पीपल का वृक्ष शुभ फलदायी होती है। घर के दक्षिण एवं पश्चिम क्षेत्र में ऊंचे वृक्ष (नारियल अशोकादि) लगाने चाहिए। इससे शुभता बढ़ती है।
9. कैथ, पाकड़ या केले के पेड़ को ईशान या उत्तर में लगाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
10. दिक्षण दिशा में गुलाब, गूलर, खैर, नारियल और अशोक का पेड़ भी लगा सकते हैं। नैऋत्य में इमली का पेड़ शुभ फल देता है।
11. जामुन और अमरूद को छोड़कर फलदार वृक्ष भवन की सीमा में नहीं होने चाहिए।
12. पीपल, नीम, बरगद, नींबू, केला, अशोक, आम, पाकड़, गूलर, कदम्ब, कटहल आदि को लगाने के पहले किसी वास्तुशस्त्री से सलाह जरूर लें।