नवरात्रि में मां दुर्गा को किस दिन कौन-सा भोग लगाना चाहिए

नवरात्रि पर्व पर माता की आराधना के साथ ही व्रत-उपवास और पूजन की विशेष महत्व है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है

Update: 2020-10-17 02:21 GMT
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नवरात्रि पर्व पर माता की आराधना के साथ ही व्रत-उपवास और पूजन की विशेष महत्व है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार नौ दिनों में माता को प्रत्येक दिन के अनुसार भोग अर्पित करने से मां सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करती हैं।

प्रथम दिन मां के दिव्य स्वरूप शैलपुत्री के चरणों में गाय का शुद्ब देसी घी अर्पित करने से आरोग्य का आर्शीवाद मिलता है तथा सभी व्याधाएं दूर होती हैं। दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से आयु में वृद्बि होती है। तृतीया स्वरूप मां चंद्रघंटा को दूध या फिर दूध से बनी मिठाई, खीर अर्पित करने से बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग लगाकर मंदिर में दान करने से बुद्बि का विकास व निर्णय शक्ति मिलती है। ऐसे ही मां के पंचम स्वरूप स्कंदमाता माता को केले का नैवेध चढ़ाने से उत्तम स्वास्थ्य व निरोगी काया की प्राप्ति होती है। छठे स्वरूप मां कात्यायनी को इस दिन शहद का भोग लगाने से मनुष्य के आकर्षण में वृद्बि होती है। सातवें दिन मां के कालरात्रि स्वरूप की आराधना कर मां को गुड़ चढ़ाने व उसे ब्नाहमण को दान करने से शोक तथा आकस्मिक संकट से मां रक्षा करती हैं।

अष्ठम स्वरूप महागौरी को नारियल का भोग लगाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। ऐसे ही नवम स्वरूप मां सिद्बरात्रि को तिल के लड्डू व अनार अर्पित करने से अनहोनी घटनाएं से बचाव होता है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त:

नवरात्रि का पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से है। नवरात्रि के प्रथम दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6 बजकर 23 मिनट से प्रात: 10 बजकर 12 मिनट तक है। घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त प्रात:काल 11:44 से 12:29 तक रहेगा।



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